इस स्थिति की जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने सीएमएचओ को दी थी। सीएमएचओ ने पीडब्ल्यूडी को स्थिति बताई। पीडब्ल्यूडी ने भी अस्पताल भवन का तीन बार निरीक्षण किया। भवन की स्थिति जस की तस है। लोग जान जोखिम में डालकार इलाज कराने आते हैं। भवन की मरम्मत नहीं की गई तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक यह स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के लिहाज से आस पास के 20 से 30 गांव के लिए सबसे बड़ा अस्पताल है। सबसे बड़ी खासियत है कि जिला अस्पताल के बाद यहां में सालभर सबसे ज्यादा सुरक्षित प्रसव होता है।
बालोद विकासखंड के ही ग्राम भेडिय़ा नवागांव में संचालित उपस्वास्थ्य केंद्र की स्थिति और दयनीय है। यहां बीते दिनों हुई झमाझम बारिश अस्पताल की छत सह नहीं पाई। अस्पताल के अंदर ही पानी टपकना शुरू हो गया। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने यहां छत की मरम्मत करा दी। बालोद विकासखंड के ही सांसद आदर्श ग्राम लाटाबोड़ में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति भी दयनीय हो गई है। इस अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना है। राज्य सरकार को जिला स्वास्थ्य विभाग ने पत्र भेज दिया है। साथ ही जगह का चयन भी कर उनका नक्शा भेजा गया है। आज तक राज्य से दोबारा जवाब ही नहीं आया।
अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यहां संचालित अस्पताल भवन का निर्माण 9 साल पहले हुआ था। निर्माण के कुछ साल बाद से दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं। मरम्मत के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी है। गांव में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति भी अच्छी नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो कभी भी यह भवन ढह सकता है। मजबूरी और जगह के अभाव में अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इस भवन के सभी कमरों में बड़ी-बड़ी दरारें हंै। बारिश होने पर छत से भी पानी टपकता है। 11 साल पुराने अस्पताल भवन की कई बार मरम्मत करा चुके हैं, लेकिन समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ है। इस अस्पताल में जहरीले जीव-जंतुओं का भी डर बना रहता है। छत से पानी टपकने से स्टोर रूम की दवाई भी अब दूसरी जगह सुरक्षित रखी जाती है। साथ ही प्रसव कक्ष में पानी टपकने से परेशानी भी होती है।
बालोद के बीएमओ शिरीष सोनी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपरछेड़ी व लाटाबोड़ की स्थिति से विभाग अवगत है। समस्या से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी अवगत कराया जा चुका है। समय-समय पर इन जर्जर स्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत भी कराई जाती है। लाटाबोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने सीएमएचओ ने पहले ही प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। शासन स्तर पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।