घर के मुख्य द्वार व कृषि औजारों पर लगाई नीम की टहनी
चरवाहा ने हरेली पर सुबह-सुबह लोगों के घर जाकर नीम की टहनी को मुख्य द्वार व कृषि औजारों पर लगाया। घरों के आगे नीम की टहनी लगाने से घर का वातावरण स्वच्छ रहता है, जिससे घर के सदस्य बीमार नहीं पड़ते हैं।
घर-घर बनाए गए पकवान
हरेली पर घर-घर पकवान बनाया जाता है। घरों में पारंपरिक पूड़ी, गुलाब जामुन, पकौड़े, बड़ा आदि बनाए गए। कृषि औजारों की पूजा करने के बाद लोगो ने इन व्यंजनों का सेवन किया। एक-दूसरे के घर जाकर हरेली की बधाई देने के साथ पकवानों का स्वाद लिया।
बच्चों ने लिया गेड़ी का आनंद
हरेली पर कई गांवों में खेल का भी आयोजन हुआ। महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हरेली पर गेड़ी चलाने की परंपरा है, जिसका पालन करते हुए गांवों में बच्चे गेड़ी पर चढ़कर कीचड़ से भरी गलियों में दौड़ते नजर आए। ग्रामीण इलाकों में विविध खेलकूद का आयोजन हुआ। इस दिन लोग हरेली के उत्साह में दिखाई दिए।