ग्रामीण सुग्रीव विश्वकर्मा, माहरा सलामें, सहदेव विश्वकर्मा, रूपेश सिन्हा, मोहन सिन्हा, बीरबल साहू, रूपराम शारवा व अन्य ने बताया कि उन्होंने अपनी पैदा होने के बाद से 50 सालों में गांव मे ऐसी बारिश, आंधी व ओलावृष्टि नहीं देखी। ओलावृष्टि से गांव के तालाब में सफेद बर्फ की चादर बिछ गई थी। पेड़ों के पत्ते पूरी तरह झड़ गए। कई स्थानों पर टिन शेड भी उड़ गए। सड़कों में कीचड़ फैल गया। फसलों को नुकसान पहुंचा। बिजली चली जाने से परेशानी हुई।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपेश सिन्हा ने बताया कि उन्होंने एक से डेढ़ एकड़ में मूंग की फसल और किसान भागवत शारवा व अन्य ने लगभग 5 से 6 एकड़ में धान की फसल बोई थी, लेकिन ओलावृष्टि से फसल को बुरी तरह क्षति पहुंची है। धान की बालियां पूरी तरह से झड़ गयी हैं। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ है।