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अप्रैल के महीने में आसमान से गिरने लगी बर्फ, ग्रामीणों ने कहा 50 साल में ऐसी भयानक ओलावृष्टि नहीं देखी

locationबालोदPublished: Apr 27, 2021 06:14:39 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Heavy Hailstorm in Balod: बारिश के साथ ओले इतनी रफ्तार और ज्यादा मात्रा में गिर रहे थे कि बारिश व हवा थमने के कई घंटों बाद भी गांव में बर्फ की चादर बिछी रही। जिसे देख ग्रामीण अचंभित रह गए।

अप्रैल के महीने में आसमान से गिरने लगी बर्फ, ग्रामीणों ने कहा 50 साल में ऐसी भयानक ओलावृष्टि नहीं देखी

अप्रैल के महीने में आसमान से गिरने लगी बर्फ, ग्रामीणों ने कहा 50 साल में ऐसी भयानक ओलावृष्टि नहीं देखी

बालोद/डौंडीलोहारा. बालोद जिले के डौंडीलोहारा ब्लॉक मुख्यालय के वनांचल ग्राम भीमपुरी व दुर्गीटोला में सोमवार को दोपहर ढाई से साढ़े 3 बजे तक तेज हवा व बारिश के साथ भयानक ओलावृष्टि हुई। जिससे गांव के खेतों, सड़कों, पेड़-पौधों से लेकर तालाबों तक में बर्फ की चादर बिछ गई। पूरा का पूरा गांव बर्फ से ढका होने के कारण सफेद नजर आने लगा। ग्रामीणों का कहना है कि 50 वर्षों में उन्होंने गांव में ऐसी ओलावृष्टि नहीं देखी। बारिश के साथ ओले इतनी रफ्तार और ज्यादा मात्रा में गिर रहे थे कि बारिश व हवा थमने के कई घंटों बाद भी गांव में बर्फ की चादर बिछी रही। जिसे देख ग्रामीण अचंभित रह गए।
अप्रैल के महीने में आसमान से गिरने लगी बर्फ, ग्रामीणों ने कहा 50 साल में ऐसी भयानक ओलावृष्टि नहीं देखी
चारों तरफ सिर्फ बर्फ ही बर्फ
ग्रामीण सुग्रीव विश्वकर्मा, माहरा सलामें, सहदेव विश्वकर्मा, रूपेश सिन्हा, मोहन सिन्हा, बीरबल साहू, रूपराम शारवा व अन्य ने बताया कि उन्होंने अपनी पैदा होने के बाद से 50 सालों में गांव मे ऐसी बारिश, आंधी व ओलावृष्टि नहीं देखी। ओलावृष्टि से गांव के तालाब में सफेद बर्फ की चादर बिछ गई थी। पेड़ों के पत्ते पूरी तरह झड़ गए। कई स्थानों पर टिन शेड भी उड़ गए। सड़कों में कीचड़ फैल गया। फसलों को नुकसान पहुंचा। बिजली चली जाने से परेशानी हुई।
अप्रैल के महीने में आसमान से गिरने लगी बर्फ, ग्रामीणों ने कहा 50 साल में ऐसी भयानक ओलावृष्टि नहीं देखी
फसल हो गए ओलावृष्टि से बर्बाद
भाजपा मंडल अध्यक्ष रूपेश सिन्हा ने बताया कि उन्होंने एक से डेढ़ एकड़ में मूंग की फसल और किसान भागवत शारवा व अन्य ने लगभग 5 से 6 एकड़ में धान की फसल बोई थी, लेकिन ओलावृष्टि से फसल को बुरी तरह क्षति पहुंची है। धान की बालियां पूरी तरह से झड़ गयी हैं। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हुआ है।
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