ग्राम पंचायतों में भी नेट की सुविधा नहीं
ग्राम मासुल, जरवाय सहित अन्य दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को नेटवर्क नहीं मिल रहा है। ग्राम पंचायतों में भी नेट की सुविधा नहीं होने से ऑनलाइन योजनाओं के लाभ से ग्रामीण वंचित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दिन के समय किसी को बात करनी हो तो छत पर जाना पड़ता है। रात के समय कोई इमरजेंसी होने पर नेटवर्क के इंतजार में भटकना पड़ता है।
बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में होती है दिक्कत
मासुल के ग्रामीणों का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत बीमार और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने महतारी एक्सप्रेस और एंबुलेंस बुलाने में आती है। ऐसे हालात रहे तो डिजिटल इंडिया का सपना कैसे पूरा होगा। उपभोक्ता थानेश्वर, टिकेश्वर, हरिशंकर, खेमचंद ने बताया कि सड़क किनारे बीएसएनएल, जियो, एयरटेल का कनेक्शन मिलता हैं। कभी नेटवर्क आ जाता है तो कभी बिल्कुल नहीं मिलता है।
जनप्रतिनिधि व उच्च अधिकारी नहीं देते ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में नए मोबाइल टावर लगाने व आसपास में लगे टावर की रेंज बढ़ाने कम्पनी में कई बार शिकायत कर चुके हैं। आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं जिले के कलेक्टर को भी लिखित में आदेवन दिया है।
सभी कंपनी के नेटवर्क फेल
कुथरेल के सरपंच रामेश्वर चंद्राकर ने कहा कि गांव में किसी भी कम्पनी का नेटवर्क नहीं मिलता है। किसी से फोन पर बात करना होता है तो सड़क या छत पर जाना पड़ता है। सभी कंपनी रिचार्ज का पूरा पैसा ले रही हैं। लेकिन नेटवर्क के मामले में सभी कंपनी फेल है। आखिर ग्रामीण अंचल में कब व्यवस्था सुधरेगी।
नेटवर्क का रेंज बढ़ाने की जरूरत
सिकोसा सरपंच आरोप चंद्राकर का कहना है ग्रामीण क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क कम होते हैं। जिससे बातचीत भी नहीं हो पाती है। नेटवर्क का रेंज बढ़ाने की आवश्यकता है।
ऑनलाइन काम होते हैं प्रभावित
सरपंच संघ अध्यक्ष डोमन देशमुख ने बताया कई ग्राम पंचायत अंदरूनी क्षेत्र में है। जिसके कारण नेटवर्क ऑनलाइन सिस्टम में बाधक बन गया है। नेटवर्क नहीं मिलने से ऑनलाइन कार्य प्रभावित होते हैं।