भारत माता के जयकारे व सुमन देव अमर रहे के लगे नारे
गांव में सुमनदेव के पार्थिव शरीर पहुंचा तो युवाओं ने देश के जवान को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। बाजे- गाजे के साथ उन्हें घर ले जाया गया। मां, पिता, भाई सहित उनके परिजनों, दोस्त सहित जनप्रतिनिधियों ने भी अंतिम दर्शन किए।
एक साल पहले पुलिस में लगी थी नौकरी
परिजनों के मुताबिक सुमन देव की बीते साल जिला पुलिस में नौकरी लगी थी। उनकी पोस्टिंग राजनांदगांव में थी। रविवार की शाम को राजनादगांव से घर जाने निकले थे। रात्रि आठ बजे भरदाकला के पास एक वाहन ने उनकी मोटर साइकिल को टक्कर मार दी। रायपुर अस्पताल में रात तीन बजे उनकी मौत हो गई। वे भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके दो भाई हैं।
पासिंग आउट परेड में खुशी से रो पड़े थे माता-पिता
सुमनदेव निषाद ट्रेनिंग के बाद 10 जून को अंतिम पासिंग आउट कौशल परेड में शामिल हुए। कार्यक्रम में उनके माता-पिता भी शामिल हुए थे। परेड खत्म होने के बाद जब पुलिस बल में नौकरी पक्की होने की जानकारी कार्यक्रम में ही माता पिता को हुई, तो वे बहुत खुश हुए। बेटे सुमनदेव को गले लगाकर रोते नजर आए। लाइन में अटैच हुए माहभर भी नहीं हुआ था।