रेत उत्खनन मामले में सालभर से खनिज विभाग के अधिकारी बेपरवाह नजर आ रहे है। ऐसा लग रहा है कि उन्हीं के इशारों पर यह सब हो रहा है। लोगों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना अवैध उत्खनन और परिवहन हो ही नहीं सकता। रात को रेत माफिया बड़े आराम से परिवहन कर रहे हैं।
गुंडरदेही चौक से रेत से भरी हुई ट्रक पुलिस प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से निकल रही है। कर्मचारी अधिकारी के आदेश के बिना कुछ नहीं कर पाते। ड्राइवर से पूछने पर बताया कि बिना रायल्टी के यहां से कैसे गुजर रही है अभी तो सभी जगह रायल्टी बंद है? उसने बताया सभी सैकड़ों गाडिय़ां खैरागढ़ एवं राजनांदगांव की है। पुलिस को खबर मिलने के बाद वाहन क्रमांक सीजी 08 एके 2224 एवं सीजी 08 एएफ 236 3 खैरागढ़ से बेखौफ धमतरी जिले से आ रही है। सुबह 5 से 6 बजे के बीच सिर्फ दो गाडिय़ों को ही पकड़ा जा सका।
बता दें कि पुलिस थाने एवं पेट्रोलिंग गाडिय़ों के बाजू से ही रेत से भरी हाइवा निकल जाती है और वे कुछ नहीं कर पाते। जब तक थानेदार का आदेश नहीं मिलता वह किसी भी गाड़ी को रोककर पूछताछ कर पकड़ नहीं सकते। थानेदार को फोन के माध्यम से सूचित करने पर खनिज विभाग के अधिकारी से बात करने कहते हैं।
गौरतलब है कि रविवार को सुबह एक हाइवा को पकडऩे के लिए बस स्टैंड के पास रोका गया। अवैध परिवहन गाड़ी 60 की स्पीड में थी और पुलिस की 40 की स्पीड से आगे नहीं बढ़ रही थी। अर्जुंदा थाने में जानकारी दी गई तो कहा गया कि हमारे पास ड्राइवर ही नहीं है? बाद में यह कहकर टाल दिया कि अर्जुंदा बॉर्डर के आगे हम नहीं जा सकते। खनिज विभाग के अधिकारी वीआईपी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।