जिला पंचायत उपाध्यक्ष मिथलेश नुरेटी सहित अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने सामूहिक रूप से जिलेभर में कोरोना मरीजों के इलाज में कितना खर्च हुआ, इसकी जानकारी मांगी तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी। सदस्यों का कहना था कि जिलेभर में बातें आ रही हैं कि मरीजों के इलाज के लिए सरकार एक से डेढ़ लाख दे रही है। इस बात को स्वास्थ्य विभाग ने अफवाह करार दिया। सीएमएचओ जेपी मेश्राम ने कहा कि कोरोना के लक्षण होने पर ही कोरोना के जांच करते हैं। एंटीजन, आरटीपीसीआर से जांच करते हैं। इनमें पॉजिटिव आ रहे हैं तो उसे ही कोरोना मरीज मानते हैं। इलाज के लिए के लिए कोविड 19, आइसोलेशन में भर्ती करते हैं।
दावा: 174960 घरों में जाकर की जांच
जिला पंचायत सदस्यों ने सघन कोरोना जांच अभियान के बारे में जानकारी मांगी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि 5 से 11 अक्टूबर तक सघन कोरोना जांच करने कुल 1 लाख 74 हजार 960 लोगों की जांच करने का लक्ष्य मिला था। 11 अक्टूबर तक 100 फीसदी पूरा कर लिया गया है।
सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 1 लाख 74 हजार 960 लोगों की जांच की गई। जिसमें से 3608 लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं, जिनकी एंटीजन से जांच की गई, जिसमें कुल 314 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इस सर्वे में जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, ऐसे 3297 लोगों का आरटीपीसीआर व ट्रूनाट टेस्ट किया जाना है। 1924 लोगों का आरटीपीसीआर व ट्रूनाट टेस्ट कर लिया गया है।
अन्य मुद्दे पर भी हुई चर्चा : जिला पंचायत सदस्यों ने महिला बाल विकास, कृषि विभाग, पीएमजीएसवाई, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के मुद्दे पर कि चर्चा की गई। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा, जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर, एडिशनल सीईओ हेमंत ठाकुर आदि मौजूद रहे।
कोरोना से बढ़ रही मौत पर जताई चिंता
बैठक में जिले में बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या व मौत पर चिंता जताई गई। सभी को मिलकर कोरोना से लडऩे, जिले के हर व्यक्ति को सामाजिक दूरी व मास्क का उपयोग करने, बार-बार हाथ साबुन से धोने सहित लोगों को भीड़ से बचने की सलाह देने का संकल्प लिया गया।