जिले के शहरी क्षेत्रों में तेजी के साथ प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है। बालोद क्षेत्र में ही दर्जनभर से अधिक राइस मिल संचालित हो रहे हैं। रिहायसी इलाके में होने के कारण इसका प्रदूषण लोगों को सांस लेना भी मुश्किल होते जा रहा है। यही स्थिति गुरुर, लोहारा, दल्ली व गुरुर क्षेत्र में भी है। @ patrika . प्रदूषण से लोगों को बचाने किसी को सुध नहीं है, न जनप्रतिनिधि और न अधिकारी ध्यान दे पा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए जगह का चिन्हांकन किए पर यह एरिया सिर्फ कागजों में है। फाइल से बहार नहीं निकल पाई है इसलिए बालोद जिलावासियों के लिए औद्योगिक क्षेत्र केवल सपना बन गया है।
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बालोद जिले में उद्योग व्यापार व जिले के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण की स्वीकृति शासन से मिली थी। इसके लिए उद्योग विभाग ने 12 हेक्टेयर जमीन का चिन्हांकन भी किया, पर यह कार्रवाई जमीन पर नहीं उतर पायी। @ patrika . जानकारी के मुताबिक बालोद जिले में 1 लाख 24 हजार शिक्षित बेरोजगार है इनमें से कई बेरोजगारों को यहां रोजगार मिल सकेंगे, पर यहां तो यह योजना ही फाइल में दबी पड़ी है।
इधर उद्योग विभाग के सहायक अधिकारी वीपी वासनिक ने बताया औद्योगिक क्षेत्र का चयन किया गया है। शासन स्तर पर अधिकारी आएंगे तो आगे की कार्रवाई करेंगे। शासन स्तर पर ही औद्योगिक क्षेत्र की कार्रवाई की जाएगी।