स्वाति साहू ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा बेमेतरा में हुई है। उसके बाद नवोदय विद्यालय बोरई से बारहवीं की पढ़ाई के बाद बिलासपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह शुरू से ही इसी क्षेत्र में जाना चाहती थीं। इसके लिए साल 2017 में ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। 2019 में गेट वेकेंसी के बाद इसकी तैयारी में जुट गई थीं। फिर गेट से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की लिखित परीक्षा के लिए नाम आया। लिखित परीक्षा भी उत्तीर्ण की, लेकिन उस समय अंतिम सूची में नाम नहीं आया। फिर तैयारी की। 2020 में फिर लिखित परीक्षा दिलाई और इस बार उन्हें सफलता मिल गई।
स्वाति ने बताया कि वह अपनी पढ़ाई जिम्मेदारी से करती है। व्यर्थ की चीजों पर ध्यान ही नहीं देती। सिर्फ अपने लक्ष्य को लेकर पढ़ाई करती हैं। तब जाकर सफलता मिली है। उन्होंने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। बेटी की इस उपलब्धि पर उनके पिता धनेश व उनकी मां खुश हंै। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है।