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जिला अस्पताल की छत पर पनप रहा लार्वा, बिना ढक्कन की 15 टंकियां बढ़ा रहीं खतरा

locationबालोदPublished: Jul 24, 2018 12:17:52 am

जिले में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार-प्रसार में लाखों रुपए खर्च कर रहा है।

जिला अस्पताल की छत पर पनप रहा लार्वा,

जिला अस्पताल की छत पर पनप रहा लार्वा, बिना ढक्कन की 15 टंकियां बढ़ा रहीं खतरा

बालोद. जिले में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रचार-प्रसार में लाखों रुपए खर्च कर रहा है। जगह-जगह होर्डिंग्स, पंफलेट वितरण, दीवाल लेखन के माध्यम से बीमारी के कारण व बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, पर ताज्जुब की बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पताल की छत पर ही डेंगू और मलेरिया का लार्वा व मच्छर पनप रहे हैं।

छत पर पानी की 18 टंकियां लगाई गई हैं
प्रत्यक्ष जानकारी अनुसार पूरे अस्पताल परिसर में पानी सप्लाई के लिए जिला अस्पताल की छत पर पानी की 18 टंकियां लगाई गई हैं। इनमें से तीन टंकियों को छोड़कर सभी 15 टंकियों के ढक्कन गायब है, या फिर खुला हुआ है। देखरेख के आभाव में छत में पानी जमा हो गया है। ऐसे में वहां के पानी में मच्छर पनप रहे हैं। विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से प्रबंधन अनजान है। ऐसे में कहा जाए कहीं यह लापरवाही अस्पताल के मरीज व उनके परिजन सहित स्टॉफ बीमारी का कारण मत बन जाए।

छत की स्थिति देख पत्रिका टीम रह गई दंग
देखा जाए तो इस लापरवाही से विभाग के सर्वे अभियान पर भी सवाल खड़े हो रहा है। जब स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अस्पताल की छत में ही लार्वा पनप रहे हैं तो फिर इतने बड़े क्षेत्र में किस तरह सर्वे कराया जा रहा है। मामले में पत्रिका की टीम सोमवार को जब जिला अस्पताल पहुंची तो अस्पताल की छत पर की स्थिति देख दंग रह गई। छत पर खराब बेड, गद्दे का कबाड़ सहित गंदा पानी जमा हो गया है।

पानी की सुरक्षा के नहीं कोई इंतजाम
बता दें कि जिला अस्पातल के सभी वार्डों में पानी सप्लाई के लिए दो बोर है। जहां से पानी भरने के लिए अस्पताल की छत पर 18 बड़ी टंकियां लगाई गई है, पर इनमें से 15 टंकियों के ढक्कन खुले हुए रहते हैं। बिना ढक्कन के पानी भरी रहती है। इससे ही पूरे अस्पताल में पानी की सप्लाई की जाती है। इसी पानी का उपयोग पीने, चिकित्सा औजार धोने, शौचालय, नहाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। खुली होने के कारण उड़कर कचरा जाता है, वहीं मरीज के परिजन उपर जाकर उसी टंकी से सीधे पानी का उपयोग करते हैं। ऐसे में टंकी व छप पर जमा पानी में मच्छर पनप रहे हैं।

छत पर टंकी से सीधे नहाते हैं लोग, कपड़े भी धोते हैं
पत्रिका ने जब अस्पताल के ऊपर जाकर देखा, तो अस्पताल की छत पर कुछ महिलाएं नहा रहीं थी, तो वहीं कुछ लोग कपड़े धो रहीं थीं। देखा गया कि नहाने और कपड़ा धोने के लिए ये महिलाएं अस्पताल के ऊपर छत में रखी खुली पानी की टंकियों से सीधे बाल्टी से पानी निकालकर उपयोग किया जा रहा था। प्रबंधन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इसका लाभ उठाते हुए लोग परेशानी पैदा कर रहे हैं। ऐसे में किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी वजह से छत पर गंदगी व पानी जमा होने से मच्छर पनप रहे हैं। ज्ञात रहे ऐसी की लापरवाही की वजह से जच्चा-बच्चा केंद्र में हाल में बड़ी चोरी हुई थी।

जिला अस्पताल में रोज आ रहे 5 से ज्यादा मरीज
इधर जिला स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते सात माह में अब तक कुल 95 मलेरिया के मरीज मिले हैं। यही नहीं जिला अस्पताल में रोज पांच से ज्यादा मलेरिया और उल्टी दस्त के मरीज आ रहे हैं। जिला अस्पताल में आने वाले मरीज भी ओपीडी में बुखार, मलेरिया के मरीज भी आ रहे हैं। स्थिति चिंताजनक है पर भी अस्पताल की सफाई या व्यवस्था पर प्रबंधन का ध्यान न देना अस्पताल में ही बिमारी को आमंत्रण देना है।

अस्पताल में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एसपी केशरवानी ने बताया अस्पताल की नियमित सफाई की जा रही है। पानी की टंकियों का ढक्कन निकलने वाले मामले को दिखवाता हूं। जिला अस्पताल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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