इससे पहले हुई थी आपत्ति, पर अब फिर आदेश
बता दें कि इससे पहले आंगनबाड़ी व स्कूलों में अंडा दिए जाने के आदेश का विरोध हुआ था। शाकाहारी भोजन वाले कई पालकों ने इस निर्णय का विरोध किए थे।बताया जाता है कि राज्य शासन ने इसका विकल्प ढूंढ लिया और कहा है जिस पालक को उनके बच्चों को मध्याह्न भोजन में अंडा देने से आपत्ति है तो उनके बच्चों को अंडे की जगह दूध दिया जाएगा।
जिले के 1239 स्कूल में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था
बता दें कि जिले में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल मिलाकर कुल 1239 स्कूल हैं। जहां मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। इन स्कूलों के लगभग एक लाख 83 हजार बच्चे मध्याह्न भोजन करते हंै। अब इन्हीं बच्चों के लिए नया मैन्यू बनाए जाने की तैयारी में शासन है। हालांकि इस विषय पर जिला मध्याह्न भोजन प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि अभी इस विषय पर कोई जानकारी नहीं है।