खुले में शौच मुक्त इनाम पाने लाखों खर्च कर बनवा दिया स्तरहीन शौचालय, अधिकांश उपयोग लायक नहीं
खुले में शौच मुक्त करने केन्द्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना बिन पानी सब सून वाली कहावत चरितार्थ साबित हो रही है। योजना के जोर-शोर से प्रचार करने के साथ ही लाखों खर्च कर गांवों में शौचालय बना दिए गए। कई पंचायतें ओडीएफ भी घोषित हो गई।

सतीश रजक/बालोद. खुले में शौच मुक्त करने केन्द्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना बिन पानी सब सून वाली कहावत चरितार्थ साबित हो रही है। योजना के जोर-शोर से प्रचार करने के साथ ही लाखों खर्च कर गांवों में शौचालय बना दिए गए। कई पंचायतें ओडीएफ भी घोषित हो गई। जिला प्रशासन ने हर घरों में साल 2016-17 में शौचालय बनवाकर जिले को खुले में शौच मुक्त जिला बताकर ओडीएफ जिला का तमगा हासिल किया। इसके लिए राज्य सरकार ने जिले को पुरस्कृत भी किया। लेकिन हकीकत कुछ और है। जिले में आज भी अधिकांश लोग खुले में शौच जा रहे है। शौचालय का उपयोग भी नहीं कर रहे है।
टूटे शौचालय की मरम्मत के नाम पर लाखों फूंकने की तैयारी
जिला प्रशासन व जिला पंचायत ने 2015-16 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले के 73 हजार 901 परिवार के लिए शौचालय बनवाया। बालोद ब्लॉक में दबावपूर्वक शौचालय बनाया, जिनके पास शौचालय बनाने जगह नहीं है, उनके लिए गांव की खाली जगहों पर शौचालय बनाया गया। लेकिन शौचालयों में पानी की कमी व उनका उपयोग नहीं करने के कारण सैकड़ों शौचालय टूट गए हैं। अब इन टूटे शौचालय की मरम्मत के नाम पर लाखों फूंकने की तैयारी है।
बालोद ब्लॉक में ज्यादा बुरा हाल, हर गांव में टूटे शौचालय
बालोद जनपद ने 2015-16 में जल्दबाजी में शौचालय बनवाया। जिन हितग्राहियों के पास जगह नहीं थी, उन्हें गांव की खाली जगह निर्माण के लिए दी गई। प्रति शौचालय 12 हजार रुपए खर्च किए गए। लेकिन निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया। शौचालय की वर्तमान स्थिति को देखने से ही पता चलता है कि किस तरह लापरवाही बरती गई है।
इनाम की लालच में की जल्दबाजी
ओडीएफ का इनाम लेने प्रशासन व जिला पंचायत ने जल्दबाजी की। बालोद, गुरुर, गुंडरदेही, डौडी, डौडीलोहारा ब्लॉक में भी जल्दबाजी में स्तरहीन शौचालय का निर्माण कर लाखों फूंक दिए। नतीजा यह है कि लोग खुले में शौच जाते हैं। वर्तमान में जब अधिकारी हर गांव और घर में जाकर देखेंगे तो हकीकत पता चलेगी।
इन गांवों में स्वच्छ भारत की हकीकत
जिले के लाटाबोड़, मटिया, कलंगपुर, पोंडी, नेवारीकला, बीरेतरा, लोंडी, खपरी, भोईनापार, नवागांव, चिचबोड़, परसदा सहित सैकड़ों गांव हैं, जहां खाली जगह पर लाखों खर्च कर शौचालय बनाए गए। जो उपयोग के लायक नहीं है।
15वें वित्त के तहत होगी मरम्मत
जिन गांवों में खाली जगह पर बने शौचालय टूट गए हैं, उनकी मरम्मत की तैयारी जिला पंचायत कर रहा है। जिला पंचायत के मुताबिक 15वें वित्त के तहत किए जाने वाले कार्यों में शौचालय मरम्मत का कार्य भी शामिल करने की तैयारी कर रहे हैं।
आज भी जागरुकता की जरूरत
जिले में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन आभियान का असर जरूर लोगों में हुआ है। लेकिन लोगों को अभी और जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि अभी भी लोग खुले में शौच जा रहे हैं। हालांकि खुले में शौच जाने वालों की संख्या में कमी जरूर आई है।
जल्द शौचालयों की मरम्मत कराई जाएगी
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने कहा कि टूटे हुए शौचालयों की जानकारी मिली है। 15वें वित्त की राशि से किये जाने वाले कार्यों में शौचालयों की मरम्मत का कार्य भी शामिल किया गया है। जल्द ही शौचालयों की मरम्मत की जाएगी।
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