जैन की नियुक्ति केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री मेनका गांधी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी की अनुशंसा के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई है। देशभर से मात्र दो सदस्यों की हुई नियुक्ति
जानकारी अनुसार सदस्य के लिए पूरे देशभर से बड़ी संख्या में आवेदनों में से सिर्फ दो सदस्यों की नियुक्ति की गई, जिसमें जैन को उनके बेहतर कार्य स्वरूप पूरे देश में लगातार बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण में किए गए उनके कार्य को देखते हुए मिला है।
ज्ञात हो कि यशवंत ने अपने लगभग तीन वर्षों के पिछले कार्य काल में पूर्ण भारत के 25 प्रदेशों का भ्रमण किया है। जहां बच्चों के संरक्षण पर अपने सुझाव रखे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल अधिकार के लिए किए उनके बेहतर कार्य स्वरूप उन्हें अमेरिका के एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था व्दारा सम्मानित किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रथम अध्यक्ष रहे यशवंत जैन बालोद जैसे छोटे से कस्बे से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले जैन की प्रतिभा बचपन से अलग है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति से आए जैन परिषद के पूर्णकालिक प्रदेश में ंभी रहे। शासकीय महाविद्यालय बालोद के लगातार दो बार अध्यक्ष चुने गए थे।
अपनी जिम्मेदारियों पर खरे उतरते रहे
उसके बाद भाजपा की राजनीति में भाजपा के प्रदेश मंत्री, प्रवक्ता एवं प्रदेश कार्य समिति सदस्य रहे। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश मंत्री के अलावा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम में दो बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बनाए थे। बालोद जिला और अविभाजित दुर्ग जिले की राजनीति में जैन का दखल लगातार पिछले 20-25 वर्षों से लगातार रहा है। संगठनात्मक लगभग सभी प्रमुख पदों पर भाजपा ने उन पर लगातार भरोसा किया है और जैन उन दायित्वों पर खरे उतरे।