दुकान व जहां प्याज बेचा जा रहा है, वहां पर प्याज का मूल्य प्रदर्शन करने को कहा गया है। प्याज विक्रेताओं ने जिले में प्याज खरीद मूल्य में तीन प्रतिशत मुनाफा जोड़कर बेचने की सहमति दी है। ताकि प्याज का मूल्य स्थिर एवं सामान्य बना रहे। जिले में कोई भी व्यापारी प्याज की जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी करते पाया गया तो आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिला खाद्य अधिकारी एचएल बंजारे सहित जिले के प्याज व्यापारी उपस्थित थे।
थोक व्यापारियों ने बताया कि नए प्याज की आवक ही नहीं हो रही है। वर्तमान में पुराने प्याज की आवक हो रही है। व्यापारियों ने कहा कि बीते दिनों हुई बारिश की वजह से यह समस्या हुई है। नए प्याज की आवक शुरू हो जाएगी तो प्याज के दाम भी गिर जाएंगे। कब तक नए प्याज की आवक होगी, यह नहीं कहा जा सकता। जानकारी के मुताबिक प्याज के दाम थोक में 63 से 65 रुपए किलो तक बिक रहे हैं, लेकिन बाजार में चिल्हर मूल्य 70 से 80 रुपए किलो बिक रहा है।
बुधवार को अपर कलेक्टर ने प्याज के मूल्य को स्थिर रखने व पर्याप्त प्याज की उपलब्धता के लिए बैठक ली तो यह भी जानकारी मिली की जिले में प्याज की सप्लाई महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश व मध्यप्रदेश के मंडियों से दल्लीराजहरा के बड़े थोक व्यापारियों के पास सप्लाई होती है। वहां से जिला मुख्यालय में होती है। अभी बारिश की वजह से नए प्याज की आवक नहीं होने के कारण पुराने प्याज के दाम बढ़ गए हैं।
इधर प्याज के दाम बढ़े तो आलू के दाम में भी इजाफा हो गया है। 30 से 35 रुपए चिल्हर में प्रति किलो बिकने वाला आलू बुधवार को बाजार में 40 से 45 रुपए किलो बिका। यही हाल टमाटर का भी रहा। टमाटर के दाम अभी भी उतार चढ़ाव है। बाजार में टमाटर के दाम 40 से 50 रुपए किलो बिक रहा है। हालांकि प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि प्याज के दाम स्थिर रहे, जिसके लिए प्याज के बड़े व्यापारियों की भी बैठक ली।