मध्यम वर्ग शादी में कर रहे मालवाहकों का उपयोग
ज्ञात हो कि शादी सीजन शुरू होने के बाद शादी घरों में बारात व चौथिया जाने की परंपरा आज भी बनी हुई है। जो मजबूत व संपन्न घराने से हैं वह शादियों में यात्री बसों को लगाते हैं, मगर मध्यम व गरीब वर्ग के लोग बस की जगह टैक्टर, मेटाडोर, पिकअप आदि मालवाहकों का उपयोग करते हैं। क्योंकि बस की तुलना में इन वाहनों का किराया कम लगता है। बीते कुछ सालों से हो रही घटनाओं को देखते हुए इस बार यातायात विभाग भी सचेत हो गया है। और अब मालवाहकों में यात्री ढोने वाले वाहनों पर कार्यवाही करने का निर्णय लिया है।
शादी कार्यक्रम में शामिल होने मालवाहकों में जाने की मजबूरी
शादी सीजन में बसों की कमी भी बनी हुई है। कई यात्री बसें भी शादी में बुक हो गए हैं और लोगों को आवागमन के लिए भी दिक्कतें होने लगी है। कई लोग मालवाहकों में यात्रियों को ढो रहे हैं। यात्री वाहनों की कमी और शादी कार्यक्रम में जाने के लिए लोग मजबूरी में भी मालवाहकों में सफर कर रहे हैं।
शराब के नशे में नहीं चलाए वाहन, नशे में ही अधिकतर दुर्घटनाएं
शादी घरों में बाराती, चौथिया लाने ले जाने के लिए इन मालवाहकों का उपयोग करते हैं पर जब रात के समय वापस आते हैं तो अक्सर वाहन चालक शराब के नशे में वाहन चलाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। हालांकि यातायात पुलिस लोगों से लगातार अपील भी कर रही है कि मालवाहक का उपयोग यात्री वाहन के तौर पर नहीं करे और न ही शराब के नशे में वाहन चलाए।
की जाएगी कार्रवाई
यातायात प्रभारी सत्यकला रामटेके ने बताया मालवाहक में सवारी ढोने वाले वाहनों व वाहन चालकों पर कार्यवाही की जाएगी। वर्तमान में यातायात विभाग द्वारा चौक-चौराहों में लापरवाह वाहन चालकों पर कार्यवाही किया जा रहा है। आगे मालवाहकों में यात्री ढोने वाले वाहनों पर कार्यवाही करेंगे।