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करोड़ों का अंडरब्रिज नहीं किसी काम का, लोगों ने कहा कि सुधार नहीं कर सकते तो तोड़ दो

locationबालोदPublished: Aug 12, 2018 12:02:19 am

करोड़ों रुपए की लागत से बने रेलवे अंडरब्रिज की गुणवत्ता परखने और इससे हो रही लोगों की परेशानी का जानने शनिवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल की टीम एडीएमआर के नेतृत्व में पहुंची।

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आखिर क्यों लोगों ने की एडीएमआर से अंडरब्रिज तोडऩे की मांग

बालोद. करोड़ों रुपए की लागत से बने रेलवे अंडरब्रिज की गुणवत्ता परखने और इससे हो रही लोगों की परेशानी का जानने शनिवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल की टीम एडीएमआर के नेतृत्व में पहुंची। अंडरब्रिज में हमेशा पानी भरे रहने से परेशान लोगों ने एडीएमआर से अंडरब्रिज को तोडऩे की मांग तक कर डाली, वहीं अधिकारी पूर्व के अधिकारियों की तरह समस्या को दुरुस्त करने का आश्वासन देकर लौट गए।

लोगों के लिए समस्या का सबब बना रेलवे अंडरब्रिज
दुर्ग-दल्ली रेल मार्ग पर बालोद जिला मुख्यालय के बूढ़ापारा वार्ड स्थित रेलवे अंडरब्रिज लोगों के लिए समस्या का सबब बना हुआ है। बूढ़ापारा और पाररास के बीच मुख्य मार्ग पर बने इस अंडरब्रिज में पानी भरा रहता है, जिससे लोगों को परेशानी के बीच पार करना पड़ता है। सालों से रेलवे अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान समस्या बताए जाने के बाद भी आज तक निराकरण नहीं हुआ है।

रेलवे की टीम देखते पहुंच गए लोग
शनिवार को दपूमरे रायपुर मंडल के एडीएमआर शंकर लकरा अपनी टीम के साथ अंडरब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे। अंडरब्रिज से पहले से ही परेशान बूढ़ापारा वार्ड के लोगों का गुस्सा रेलवे की टीम को देखते ही एक बार फिर चढ़ गया। मौके पर मौजूद लोगों ने टीम से स्पष्ट कहा कि अगर अंडरब्रिज में सुधार नहीं कर सकते तो उसे तोड़ दिजिए।

इंजीनियर भी सीपेज देख पशोपेश में पड़े
इधर टीम के साथ आए रेलवे के इंजीनियर भी अंडरब्रिज में सीपेज देखकर सकते में पड़ गए कि आखिर जमीन के अंदर और दीवाल से निकल रहे पानी को कैसे बंद करें। लोगों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे एडीएमआर ने कहा कि अंडरब्रिज में जो भी खामी है, उसे जल्द सुधारा जाएगा। इधर विधायक भैया राम सिन्हा ने भी अधिकारी को अंडरब्रिज में सीपेज की समस्या से अवगत कराया।

अधिकारी ने माना गुणवत्ताहीन बना अंडरब्रिज
एडीएमआर शंकर लकरा ने पहले तो अंडरब्रिज के दोनों तरफ धूमकर देखा, जहां सीपेज हो रहा था, उसकी फोटोग्राफी कराई। स्थिति को देखते हुए अधिकारी ने भी माना अंडरब्रिज गुणवत्ताहीन बना है, जिससे परेशानी हो रही है। अधिकारी ने अधीनस्थों से अंडरब्रिज के दोनों ओर नाली बनाने को कहा, जिससे जलभराव न हो, वहीं भरे पानी को निकालने के लिए मोटरपम्प लगाने के निर्देश दिए।

सुबह से सफाई में लगे रेलवे अधिकारी
एडीएमआर के दौरे को देखते हुए बालोद में पदस्थ रेलवे अधिकारी बीते दो दिनों से अंडरब्रिज की सफाई में जुटे हुए हैं। पानी के साथ कीचड़ निकालने का काम किया जाता रहा। इसके बाद भी शनिवार सुबह की स्थिति में अंडरब्रिज में 2 फीट तक पानी जमा था। बालोद के रेलवे अधिकारी नायक ने कहा कि अब अंडरब्रिज में 5 एचपी का मोटर पम्प लगाकर पानी खींचेंगे।

पानी की वजह से गाडिय़ां हो रही खराब
अंडरब्रिज में पानी भरने से कीचड़ जमा होने के साथ जहरीले कीड़े-मकोड़े की भी जमावड़ा बना रहता है। जमा पानी की वजह से कई बार अंजरब्रिज के बीचोंबीच गाडिय़ां बंद हो जाती है, जिसे सुधारने में हजारों रुपए खर्च होता है। शनिवार को अंडरब्रिज के जांच के दौरान रेलवे अधिकारी बुन्देला और एन्सेक्सन इंजीनियर नायक उपस्थित रहे।

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ओवरब्रिज पर नहीं मिला ठोस जवाब
पाररास-बालोद रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज की वर्षों पुरानी मांग पर शनिवार को पहुंचे रेलवे अधिकारी ठोस जानकारी नहीं दे पाए, लेकिन रेलवे की ओर से केंद्र सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने की बात कही, जिस पर आगामी बजट में इसे शामिल करने का आश्वासन मिला है।
ट्रैफिक का भी बढ़ा दबाव
बता दें कि जिला बनने के बाद बालोद में गाडिय़ों की संख्या बढऩे के साथ ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है। ऐसी स्थिति में जब भी रेलवे फाटक 10-15 मिनट के लिए बंद होता है, तो फाटक के दोनो और वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इससे होने वाली परेशानी से निजात पाने पाररास और बालोद मार्ग पर ओवरब्रिज की मांग की जा रही है। शनिवार को ओवरब्रिज के मामले में विधायक भैयाराम सिन्हा, वार्ड पार्षद कसुमुद्दीन कुरैशी ने भी रेलवे अधिकारी से चर्चा कर जल्द ओवरब्रिज की स्वीकृति दिलाने की दिशा में प्रयास करने की मांग की।
इस कारण से ओवरब्रिज की मांग
बालोद-राजनांदगाव मुख्य मार्ग होने के कारण मार्ग पर अक्सर भीड़भाड़ रहती है।
रोजाना लगभग एक दर्जन बार रेलवे फाटक बंद किया जाता है
हर बार 15 से 20 मिनट के लिए फाटक बंद रहता है।
रोजाना सैकड़ों की संख्या में स्कूल- कॉलेज की छात्र-छात्राएं इस मार्ग से आना-जाना करते हैं।
रेलवे फाटक बंद होने से मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।

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