नहीं के बराबर हो रहे विकास के कार्य
दो साल में नगर पंचायत में नहीं के बराबर विकास कार्य पूरे हो सके। कई कार्यों की निविदा प्रक्रिया हाल ही में प्रारंभ की गई है। कुछ निर्माण कार्यों की निविदाओं में कई तरह के संशय की स्थिति है। वहीं मंगल भवन व पौनी पसारी जैसे कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हो सके। लोगों का कहना है कि वार्डों में कई तरह की समस्याएं हैं।
टूटी नालियों से सड़क पर बह रहा गंदा पानी
अधिकांश जगहों पर सालों पहले नालियां बनाई गई थी। जिसकी मरम्मत तक नहीं कराई गई है। जिसके चलते अधिकांश नालियां टूटी-फूटी हैं। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। जिस पर चलने को लोग मजबूर हैं। गंदे पानी से मच्छर उत्पन्न हो रहे हैं।
पाइपलाइन के नाम पर खोदी जा रही सड़कें
वार्ड-8 व 9 समेत कई स्थानों पर नगर पंचायत पाइपलाइन व मरम्मत के नाम पर सड़कों को खोदा जा रहा है। काम के बाद सड़कों की ठीक से मरम्मत नहीं करने से कई स्थानों पर सड़क खराब हो रही है।
वार्ड-14 में पानी निकासी की प्रमुख समस्या
पार्षद नारायण सिन्हा ने बताया वार्ड-14 में पानी निकासी की प्रमुख समस्या है। बार-बार मांग के बावजूद समस्या जस की तस है। मस्जिद चौक के समीप नई नाली बनाई जा रही है। ताकि घरों व बारिश के पानी की आसानी से निकासी हो सके। ठेकेदार व उपअभियंता को नाली के लेवल का विशेष ध्यान रखने कहा गया है। नगर क्षेत्र में कई निर्माण कार्य अधूरे हैं, जिन्हें तय समय में गुणवत्ता के साथ पूरा करना चाहिए।
विकास का एक भी पत्थर नहीं रखा
व्यापारी व समाजसेवी देवव्रत देवांगन ने कहा दो साल में नगर पंचायत ने नगर विकास के लिए एक पत्थर भी नहीं रखा है। अभी तक जितने भी कार्य प्रारम्भ हुए है, वह सब पिछले कार्यकाल के हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर सर्व समाज मंगल भवन निर्माण अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया है। जनता सुविधाओं के लिए तरस रही है। जहां देखो कचरे का ढेर लगा है। नालियां जाम हैं। कुछ जनप्रतिनिधियों को लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं होती है।
प्लानिंग और इच्छाशक्ति की कमी
किराना व्यवसायी व भाजपा नेता पदम संचेती का कहना है शासन से लाखों-करोड़ों की राशि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने व विकास व निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत की जाती है। बावजूद प्लानिंग व इच्छाशक्ति की कमी के चलते व्यवस्थित काम देखने को नहीं मिल रहा है। विकास कार्यों की निविदा में अनियमितता के आरोप लगना आम बात हो गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के उच्चाधिकारियों व जिम्मेदारों को बिना किसी भेदभाव व चहेतों को लाभ पहुंचाए नियम अनुसार व गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने चाहिए।