एक मार्च से प्रदर्शन, माइंस में सिर्फ स्थानीय को मिले रोजगार
महामाया माइंस क्षेत्र के ग्रामीण कई सालों से क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को माइंस में काम देने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन व चक्काजाम करते आ रहे हैं, लेकिन बीएसपी प्रबंधन हर बार ग्रामीणों को काम के बदले आश्वासन दे रहा है। आक्रोशित ग्रामीण एक मार्च से शिवसेना के बैनर तले महामाया माइंस के सामने धरने पर बैठ गए। 4 मार्च से धरना के साथ आंदोलनरत ग्रामीणों ने 7 मार्च तक माइंस की गाडिय़ों को रोक चक्काजाम शुरू कर दिया। जिसे देखते हुए बीएसपी प्रबंधन ग्रामीणों के पास पहुंचा। नया काम चालू कर काम पर रखने का आश्वासन दिया था। लेकिन नया काम शुरू भी हुआ लोगों को रोजगार नहीं दिया। 9 मार्च से धरना प्रदर्शन और चक्काजाम प्रारंभ कर दिया। बीएसपी प्रबंधन ने आंदोलनकारियों के खिलाफ महामाया थाने में लिखित शिकायत कर दी। आंदोलन कर रहे जमीला बेगम, बलराम निषाद का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती, तब तक हमें जेल भेजें या कुछ भी करें। आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
महिलाओं को बेल दे दी गई, पुरुषों को जेल भेज दिया गया
महामाया थाना प्रभारी अरूण कुमार साहू ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन की लिखित शिकायत पर आंदोलनकारियों को हिरासत में लेकर दल्लीराजहरा के ओपन थिएटर को अस्थाई जेल बनाकर उन्हें वहां रखा। 41 पुरुषों व 43 महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया। महिलाओं को बेल दे दी गई। पुरुषों को जेल भेज दिया गया।