रजनीति में बदलाव की बयार लाने की बेहतर सोच को दर्शाती यह बातें पत्रिका समूह के महाअभियान चेंजमेकर ‘स्वच्छ करें राजनीतिÓ के तहत चेंजमेकर्स ने कहीं। इसके तहत हुई एक बैठक में चेंजमेकर्स ने कहा राजनीति से देश व लोगों की सेवा करने का अच्छा मौका है। इसके माध्यम से हम अपनी अच्छी सोच, अच्छे विचारों के साथ अपनी श्रेष्ठता साबित कर सकते हैं। जमीन से उठे लोग ही भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकते हैं। इससे जुड़कर अपनी क्षमता, छवि व राजनीतिक पहुंच का लाभ लेते हुए जरूरतमंद जनता को शासन की अनेक तरह की योजनाओं का लाभ दिला सकते हैं।
पत्रिका चेंजमेकर परिचर्चा के तहत इतिहासकार व अंजुमन स्कूल के प्रभारी अरमान अश्क के मार्गदर्शन में नगर के कई स्थानों पर बैठक रखी गई। इसमें समूह के साथ ही घरेलू व कामकाजी महिलाओं की भागीदारी से पत्रिका की नई सोच को गति मिली। परिचर्चा में वाजिदा कौसर, रसीदा बेगम, फातिमा बेगम, सबीना बेगम, जहांआरा, शमीम बेगम, शाहिस्ता बेगम, रहिशा बेगम, नाजमा बेगम, रफिया बेगम, रुखशाना, जरीना बेगम आदि शामिल हुए। इस दौरान ज्यादातर वक्ताओं ने जनप्रतिनिधि को सरल, स्वच्छ छवि का पढ़ा-लिखा, आमजन के लिए अच्छी सोच और व्यवहारकुशल के साथ जरूरत पर आसानी से मिल जाए इस बात पर जोर दिया। पत्रिका के इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा हम इस बार ऐसे ही प्रत्याशी को समर्थन करेंगे।
अरमान अश्क ने कहा वर्तमान में चुनावी परिवेश में काफी बदलाव आ चुका है। परंपरागत राजनीति या पीढ़ी दर पीढ़ी का समय नहीं रहा। नई पीढ़ी नए तरीके से सोचती है। ऐसे समय में राजनीति को साफ व स्वच्छ करने का अच्छा मौका है। पत्रिका के जागरूता अभियान का हम समर्थन करते हैं। वाकई में देश में भ्रष्टाचार खत्म करने, देश में फैली अव्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए अब हमें ही आगे आना जरूरी हो गया है। स्वच्छ छवि, उत्साही और अच्छी सोच के व्यक्ति के जनप्रतिनिधि चुने जाने पर ही आम जनता का भला हो पाएगा। भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। कुछ नया कर गुजरने की चाहत रखती है। बुजुर्ग भी नयी पीढ़ी को साथ देने तैयार है। अनुभव के साथ पत्रिका के स्वच्छ करो राजनीति के अभियान का मैं समर्थन करता हूं। यह बात सही है कि अच्छे लोग अगर राजनीति में आ जाएं तो देश को इसका लाभ मिलेगा।
वाजिदा कैसर, जहांआरा बेगम, शमीम बेगम ने कहा हमारे देश की राजनीति में बदलाव जरूरी हो गया है। हम चाहते हैं हमारा जनप्रतिनिधि जनता का ही बन कर रहे। आवश्यकता पर वह आसानी से मिल जाए। यही वक्त है कि राजनीति में बदलाव के लिए हमारे साथ युवाओं को आगे आना होग, ताकि बरसों से जमे लोगों को आराम के लिए रिटायरमेंट किया जा सके। पढ़ा-लिखा वर्ग, प्रोफेशनल्स और व्यापारियों को स्वच्छ राजनीति के लिए देश की बागडोर संभालनी होगी, तभी लोकतंत्र मजबूत होगा।
रसीदा बेगम, शाहिस्ता, रहिशा बेगम ने कहा राजनीति का क्षेत्र गलत नहीं है, इसी के माध्यम से नए लीडर का उदय होता है। पर चुनाव के बाद जनप्रतिनिधियों की सोच जनता के लिए ही हो, ऐसी नई पीढ़ी को देशसेवा का मौका दिया जाए। इसमें हमारी जिम्मेदारी है कि दागदार लोगों को हम जनप्रतिनिधि न चुनें, पार्टी चाहे कोई भी हो। तभी राजनीति में नई सोच आएगी। जनता की बातों को संसद व विधानसभा तक ये ही पहुंचाकर परेशानियां दूर करने तत्परता से काम करेंगे। इसलिए अब बदलाव जरूरी है।
फातिमा बेगम, नाजमा, रफिया बेगम ने कहा इस बार के चुनान में हमें पत्रिका की सोच के साथ कदम बढऩा है। अच्छे और पढ़े-लिखे लोगों को ही राजनीति में कदम बढ़ाने के लिए सहयोग व समर्थन करेंगे। इससे ही देश की राजनीति में परिवर्तन आएगा।। प्रत्याशी को वोट देते समय यह जरूर सोचें कि कौन व्यक्ति हमारे जनप्रतिनिधि बनने के लायक है। इसके लिए पहले अपने मन की ही बात सुनें। प्रत्याशी के व्यक्तित्व को परख कर ही फैसला लेना है। हमें उसकी योग्यता, विजन को प्रमुखता देनी चाहिए। सभी दलों के प्रत्याशी को परखें तभी वोट देंगे।
सबीना बेगम, रुखसाना, जरीना बेगम ने कहा हमारा जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो जनता की भावनाओं, उनकी मांग, आवश्यकताओं का ध्यान रखे। अपना मानकर वह हमारी परेशानियों के निराकरण में रूचि दिखाए। वह अपनी अच्छी सोच व रचनात्मक काम से राजनीति के दागदार क्षेत्र को साफ कर जनता में एक पैठ बना सकते हैं। ऐसी छवि के जनप्रतिनिधि को हम समर्थन देंगे। हमारी जिम्मेदारी है कि इसमें स्वच्छ लोगों को मौका देकर घोटाले व भ्रष्टाचार पर रोक लगा सकते हैं।