प्रधानमंत्री आवास योजना में मिली राशि का दुरूपयोग करते हुए किसी ने बाइक खरीद ली तो किसी ने अपनी बेटी की शादी कर दी। किसी ने रिश्स्तेदार और निजी उपयोग में राशि खर्च कर दी। (Balod SDM Court) जिस उद्देश्य से राशि प्रदान दी गई थी उस पर हितग्राहियों ने ही पानी फेर दिया। बार-बार नोटिस के बाद भी आवास बनाना शुरू नहीं किया तब संबंधित (Janpad Panchayat CEO) जनपद पंचायत सीईओ ने एसडीएम न्यायालय में 102 हितग्राहियों के खिलाफ वसूली प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है।
बता दें कि जिले के पांच विकासखंड बालोद, गुंडरदेही, डौंडीलोहारा, डौंडी और गुरुर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17, 17-18 और 2018-19 में कुल 102 हितग्राहियों ने पहली और किसी ने दूसरी किश्त का आहरण तो कर लिया और निर्माण शुरू नहीं किया। हितग्राहियों को संबंधित जनपद पंचायत सीईओ द्वारा बार-बार नोटिस भी जारी किया जा चुका हैं। नोटिस का किसी भी हितग्राहियों ने जवाब नहीं दिया। पांचों जनपद पंचायत सीईओ ने 102 हितग्राहियों से प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत राशि दुरूपयोग मामले में वसूली प्रकरण बनाकर एसडीएम को सौंप दिया है।
प्रधानमंत्री आवास कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बालोद में 9 हितग्राहियों से पांच लाख 28 हजार, जनपद पंचायत डौंडीलोहारा से 16 हितग्राहियों से छह लाख 70 हजार, गुंडरदेही से 64 हितग्राहियों से 27 लाख 30 हजार, गुरुर से 12 हितग्राहियों से आठ लाख 94 हजार की वसूली की जानी है।
जनपद पंचायत डौंडी में सिर्फ एक ही प्रकरण है, जहां हितग्राही ने आवास का काम चालू दिया है। डौंडी ब्लॉक के ग्राम धोबनी (ब) निवासी रोशन लाल को 2018-19 में पीएम आवास की स्वीकृति प्रदान की गई थी। पहली किश्त 35 हजार मिलने के बाद भी उन्होंने कार्य शुरू नहीं करवाया था। जनपद पंचायत से नोटिस के बाद काम शुरू कर दिया है। जिले में अब 101 हितग्राहियों से 48 लाख 22 हजार की वसूली शेष है।
पीएम आवास के लिए नियमानुसार तीन किश्त में राशि जारी का प्रावधान है। पहली किश्त डीपीसी (नींव) तक के लिए। इसके बाद दूसरी किश्त छज्जा लेबल तक दीवार खड़ी करने के लिए दी जाती है। आखिरी किश्त छत की ढलाई और फिनिशिंग वर्क के लिए। अब सवाल यह उठता है कि बिना सर्वे और मौका मुआयना किए राशि जारी कैसे कर दी गई। इसके लिए जवाबदार कौन है? राशि जारी करने वाले या मौके का बिना निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाने वाले? राशि गड़बड़ी मामले में जितने जिम्मेदार और दोषी हितग्राही है उतने ही जवाबदारी और गलती सरकार कर्मचारियों की भी है। क्या प्रशासन जनपद पंचायत के संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा?
जिला पंचायत सीईओ बीएल गजपाल ने बताया की जिले के 102 हितग्राहियों ने पीएम आवास की किश्त लेकर आवास निर्माण नहीं करवाया हैं। शासकीय राशि का दुरुपयोग किया गया है। ऐसे सभी हितग्राहियों से वसूली प्रकरण बनाकर संबंधित जनपद क्षेत्र के एसडीएम को भेजा रहा है। कई जनपद द्वारा तो वसूली प्रकरण बना भेज भी दिया गया हैं। जल्द ही हितग्राहियों से वसूली की जावेगी और शासकीय पैसों का दुरुपयोग कर गबन मामले में भी आगे कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बालोद एसडीएम हरेश मंडावी ने कहा कि इस मामले में 5 प्रकरण में हितग्राहियों का बयान लिया गया है। उन्होंने कहा है कि जल्द आवास निर्माण शुरू कर देंगे। अगर निर्माण शुरू नहीं करते हैं तो शासकीय पैसों का गबन मामले में धारा-92 के तहत आगे कार्यवाही की जाएगी।