आरोपी बंदी जनक लाल निषाद (28 साल) निवासी ग्राम मालीघोरी को चार दिन पहले 8 जून को जेल भेजा गया था। उस पर शादी का प्रलोभन देकर एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। जनक सुबह अपने बैरक से शौच जाने निकला। बाथरूम के अंदर जाने के बाद जनक खिड़की पर गमछे का फंंदा बनाया और झूल गया। दूसरे बंदी व प्रहरी ने बाथरूम में आवाज सुनी जाकर देखा तो जनक फंदे पर लटका था और तड़प रहा था। तत्काल फंदे से निकालकर जनक को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रायपुर रेफर कर दिया गया।
कैदी के आत्महत्या की घटना से उप जेल के अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है। तगड़ी सुरक्षा के बावजूद एक बंदी ने कैसे फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास कर लिया? जनक क्यों आत्महत्या करना चाह रहा था, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है। उप जेल प्रशासन जनक के स्वस्थ होने के बाद ही उसका बयान लेगा।
जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास का यह पहला मामला है, पर जेल से कैदी फरार होने की घटना पहले भी चुकी है। इससे जेल में सुरक्षा व निगरानी पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आरोपी जब से जेल गया है तब से परेशान रहता था। उप जेलर उपजेल बालोद आरके मतलाम ने बताया कि सुबह एक कैदी जेल के बाथरूम में अपने गमछे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास कर रहा था। तत्काल जानकारी मिलने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर रेफर कर दिया गया है।