बोडऱा में 5 माह पूर्व पंचायत ने उचित मुल्य दुकान संचालक जागेश कुमार जांगड़े को दुकान के पैसे से पेंशन भुगतान का निर्देश दिया था। दुकान का संचालन पंचायत करती है। उस राशि को पंचायत ने वापस करने का वादा किया था। उस समय पंचायत में पेंशन राशि का आहरण करने के बाद पेंशनधारियों को भुगतान नहीं किया। आरोप है कि सरपंच सचिव ने राशि की हेराफेरी की जिस कारण से पेंशन का भुगतान नहीं हो सका। मामला समाचार पत्रों में आने के बाद अधिकारियों ने दबाव डाला तो पंचायत ने उचित मूल्य दुकान संचालक जागेश कुमार को दुकान के पैसे का भुगतान करने कहा।
पंचायत के कहने पर जागेश कुमार ने दुकान के पैसे से पेंशन का भुगतान कर दिया। पंचायत ने समय पर राशि वापस नहीं की जिससे जागेश ने अपने गहने बेचकर एवं कर्ज लेकर राशन मंगाया ताकि ग्रामीणों को समय पर राशन मिल सके। पंचायत लगातार उसे पैसे देने के लिए घुमाती रही।
पहले से ही कर्ज में डूबे जागेश की माली हालत बेहद खराब हो चुकी है। लिया कर्ज लौटाने और बच्चों की पढ़ाई व उपचार के लिए उसे अपना घर बेचना पड़ रहा है।
शासन ने उचित मूल्य दुकान के बारदाना आदि और कमीशन की राशि पंचायत के खाते में डाली। यह राशि लगभग 6 8 हजार रुपए है। इसे भी पंचायत ने नहीं दी। राशि कहां खर्च हुई पंचायत के पास कोईजवाब नहीं है। आरोप है कि इस राशि का भी पंचायत में बंदरबांट किया गया।
पूरा मामला पेंशन की राशि में हेराफेरी के कारण निर्मित हुआ। सरपंच सरस्वती अठभैया ने कहा पेंशन की राशि निकालकर सचिव ने अपने पास रख लिया। जिसके कारण राशन दुकान की राशि से पेंशन भुगतान किया गया। तात्कालिक सचिव भोजूराम सपहा ने कहा पेंशन की राशि बैंक से निकालकर सरपंच को दी थी, लेकिन सरपंच ने भुगतान नहीं किया जिसके कारण उचित मूल्य की दुकान से पेंशन की राशि का भुगतान किया गया।
दुकान संचालक जागेश कुमार जांगड़े ने कहा सरपंच एवं सचिव ने जल्द भुगतान करने का आश्वासन दिया था। पेंशनधारियों की परेशानी को देखते हुए सरपंच एवं सचिव के कहने पर दुकान की राशि से पेंशन का भुगतान किया था। राशि नहीं मिलने के कारण मुझे अपने घर के जेवरात बेचने पड़े एवं कर्ज लेकर दुकान में राशन भरना पड़ा। आर्थिक तंगी के कारण मैं अपना घर बेच रहा हूं जिससे अपना इलाज एवं कर्ज का भुगतान कर सकूं।