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गांव की इस लड़की की समझदारी और साहस का राष्ट्र ने किया सम्मान

locationबालोदPublished: Jul 12, 2018 02:46:46 pm

Submitted by:

Nitin Tripathi

बालोद जिले की गुरुर तहसील के गांव की एक लड़की ने समझदारी और साहस का बेमिसाल काम कर दिखाया कि न केवल उसको बल्कि गांव भी सुर्खियों में आ गया।

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गांव की इस लड़की की समझदारी और साहस का राष्ट्र ने किया सम्मान

बालोद . छत्तीसगढ़ का छोटा सा गांव पेंडरवानी, बालोद जिले की गुरुर तहसील के इस गांव को अब से पहले कोई नहीं पहचानता था, लेकिन गांव की एक लड़की ने समझदारी और साहस का बेमिसाल काम कर दिखाया कि न केवल उसको बल्कि गांव भी सुर्खियों में आ गया। वह बहादुर लड़की है यामिनी साहू, जिसके साहस का सम्मान भारत सरकार ने किया है। यामिनी को अपने छोटे भाई की जान बचाने के लिए जीवनरक्षक पदक से सम्मानित किया गया है। बालोद कलक्टर ने एक लाख रुपए सम्मान राशि के साथ पदक प्रदान किया।
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घटना करीब तीन साल पुरानी है। कक्षा बारहवीं में पढऩे वाली यामिनी का चचेरा भाई लोमेश करंट की चपेट में आ गया था। उस वक्त वह महज सात साल का था। स्कूल से घर आते ही वह टीवी चालू करने पहुंचा, लेकिन जैसे ही उसने बिजली के स्विच को छुआ, वह करंट लगने से कांपने लगा। उसी वक्त यामिनी घर में दाखिल हुई उसने भाई को तड़पता देखा तो फुर्ती से उसे बचाने के लिए दौड़ी, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में भी उसने सूझबूझ दिखाई। फौरन ही घर में रखा बांस लेकर आई और उसके सहारे भाई को करंट से अलग किया।
परिवार खेत पर था, पड़ौसियों से ली मदद
यामिनी ने भाई को करंट से तो बचा लिया, लेकिन उसकी हालत ठीक नहीं थी। घर पर कोई नहीं था, सभी खेत पर काम करने गए थे। तब यामिनी ने हिम्मत दिखाई और पड़ौसियों के पास जाकर सारी बात बताई। पड़ौसियों से उसने भाई को बचाने में मदद मांगी। पड़ौसियों के सहयोग से भाई को तत्काल धमतरी के अस्पताल लेकर पहुंची।
परिवार ही नहीं प्रदेश को है नाज
यामिनी के साहस और सूझबूझ से भाई की जिंदगी बच गई। उसकी समझदारी पर परिवार को नाज है, साथ ही वह अब प्रदेश का गौरव बन गई है। उसे जिला मुख्यालय पर सम्मान के साथ लाया गया, जहां कलेक्टोरेट में उसे उसकी बहादुरी के लिए वर्ष 2017 का जीवनरक्षा पदक सौंपा गया।

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