जनपद पंचायत की मेहरबानी का असर फर्जी शिक्षकों ने दो नोटिस का नहीं दिया जवाब, शिक्षा विभाग ने मंगाई है भर्ती फाइल
फर्जी शिक्षाकर्मियों के मामले में शिक्षा विभाग ठोस कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए विभाग भर्ती की फाइल का इंतजार कर रहा है। पर दो बार पत्र भेजने के बाद भी जनपद पंचायत गुरुर ने जवाब नहीं दिया है। ऐसे में ऐसा माना जा रहा है कि आरोपियों पर विभाग मेहरबान तो नहीं है।

बालोद @ patrika . फर्जी शिक्षाकर्मियों के मामले में शिक्षा विभाग ठोस कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए विभाग भर्ती की फाइल का इंतजार कर रहा है। पर दो बार पत्र भेजने के बाद भी जनपद पंचायत गुरुर ने जवाब नहीं दिया है। ऐसे में ऐसा माना जा रहा है कि आरोपियों पर विभाग मेहरबान तो नहीं है।
पूर्व जनपद सीईओ ने लाखों रुपए का लेन-देन कर लाभ पहुंचाया
मामले में ये बात सामने आई है कि शिक्षाकर्मी भर्ती में पूर्व जनपद सीईओ ने लाखों रुपए का लेन-देन कर लाभ पहुंचाया है। कहा जाए इस गंभीर मामले में गुरुर जनपद ने अभी तक सक्रियता नहीं दिखाई है। जब इस मामले में पत्रिका ने गुरुर जनपद से जानकारी मांगी, तो कहा कि कुछ दिनों में शिक्षाकर्मी भर्ती की डिटेल शिक्षा विभाग को दे दी जाएगी।
दोनों फर्जी शिक्षकों ने दे दिया है त्याग पत्र
बता दें कि गुरुर विकासखंड के ग्राम साल्हेभाट प्राथमिक शाला में भगवती प्रसाद देवांगन और चन्द्रभूषण बांधे ने फर्जी डीएड की सर्टिफिकेट बनाकर जमा कर 10 साल तक शासकीय नौकरी कर रहे थे, पर पत्रिका ने इस मामले का खुलासा करने के बाद दोनों फर्जी शिक्षकों ने त्याग पत्र दे दिया है।
जनपद सीईओ बोली जल्द देंगे भर्ती की डिटेल
जब इस मामले में लेट लतीफी पर जनपद गुरुर सीईओ रौशनी भगत से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही पूरा दस्तावेज शिक्षा विभाग को दे दिया जाएगा। बता दें कि शिक्षा विभाग ने इस मामले पर डिटेल देने के लिए गुरुर जनपद को दो बार पत्र लिख चुके हैं, पर भी तक उसका जवाब नहीं आया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुस्त चल रही है। वहीं जनपद पंचायत गुरुर जनपद के पूर्व सीईओ मंडावी द्वारा इस भर्ती के लिए 1 लाख 25 हजार रुपए मांगे जाने का आरोप भी लगाया गया है, पर ममले के बाद तो अभी तक उनसे पूछताछ तक नहीं की गई।
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