बता दें कि पत्रिका ने इस मामले को लेकर सबसे पहले समाचार प्रकाशित कर गांव की स्थिति से शासन-प्रशासन से अवगत कराया था, उसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया और शुक्रवार को अपनी टीम भेजकर स्थिति का जायजा लिया। जहां ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीणों ने अधिकारियों को वहीं वे अपनी समस्याएं बताने लगे तो परेशानियों की लंबी सूची बन गई।
सर्व शिक्षा अभियान के एपीसी सीबी साहू व बीआरसी एन अंसारी जब गांव से वापस पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि गांव में वाकई में समस्याएं हैं। बच्चों को पैदल दूर तक स्कूल आना पड़ता है। इसकी पूरी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देने की बात कही।
बता दें कि इस गांव में सड़क तो है, पर कच्ची और गांव तक पहुंचने के लिए पठार से नीचे जाना पड़ता है। लगभग 50 फीट नीचे तराई पर यह गांव बसा है जहां ग्रामीणों की सुध लेने अधिकारी व जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचते। 6 किमी दूर ग्राम मडिय़ाकट्टा गांव में संचालित प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं, क्योंकि इस गांव में प्राथमिक स्कूल तक नहीं है।