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सुदूर वन क्षेत्र के सुनसान मार्ग को देख जांच अधिकारी की खुली रह गई आंखें

locationबालोदPublished: Jan 19, 2019 12:43:38 am

Submitted by:

Niraj Upadhyay

बालोद जिले के डौंडोलोहारा ब्लॉक के ग्राम घोरदा के बच्चों का 6 किलोमीटर जंगल में पैदल चल कर स्कूल आने मामला शासन-प्रशासन तक पहुंचा, तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। ग्राम घोरदा की स्थिति जानने शिक्षा विभाग की टीम गांव पहुंची।

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सुदूर वन क्षेत्र के सुनसान मार्ग को देख जांच अधिकारी की खुली रह गई आंखें

बालोद. डौण्डीलोहारा विकासखंड के ग्राम घोरदा के बच्चों को प्राथमिक शाला की पढ़ाई करने पैदल ही 6 किमी दूर घने जंगल से होकर जाने के मामले में शुक्रवार को जिला शिक्षा विभाग की टीम ग्राम घोरदा पहुंची। जहां सुदूर वन क्षेत्र सुनसान मार्ग को देखते हुए जांच अधिकारी की आंखें खुली की खुली रह गई। उन्होंने स्थिति को देखते हुए कहा कि वाकई में इस गांव में है बड़ी परेशानियां।
पत्रिका ने पड़ताल में मामला लाया सामने
बता दें कि पत्रिका ने इस मामले को लेकर सबसे पहले समाचार प्रकाशित कर गांव की स्थिति से शासन-प्रशासन से अवगत कराया था, उसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया और शुक्रवार को अपनी टीम भेजकर स्थिति का जायजा लिया। जहां ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीणों ने अधिकारियों को वहीं वे अपनी समस्याएं बताने लगे तो परेशानियों की लंबी सूची बन गई।
वास्तविक स्थिति से वाकिफ हुई टीम
सर्व शिक्षा अभियान के एपीसी सीबी साहू व बीआरसी एन अंसारी जब गांव से वापस पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि गांव में वाकई में समस्याएं हैं। बच्चों को पैदल दूर तक स्कूल आना पड़ता है। इसकी पूरी रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को देने की बात कही।
गांव पहुंचने उतरना पड़ता है पठार से नीचे
बता दें कि इस गांव में सड़क तो है, पर कच्ची और गांव तक पहुंचने के लिए पठार से नीचे जाना पड़ता है। लगभग 50 फीट नीचे तराई पर यह गांव बसा है जहां ग्रामीणों की सुध लेने अधिकारी व जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचते। 6 किमी दूर ग्राम मडिय़ाकट्टा गांव में संचालित प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं, क्योंकि इस गांव में प्राथमिक स्कूल तक नहीं है।
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