भवन में चार कमरा, एक स्टाफ कक्ष, एक प्राचार्य कक्ष, लिपिक कार्यालय, परीक्षा विभाग कक्ष, लैब दो कमरा व शिक्षकों एवं बच्चों के बैठने के लिए अलग प्रसाधन की व्यवस्था है। भवन में निर्माण एजेंसी व ठेकेदार ने ऐसी लापरवाही बरती है कि महज दो साल में ही भवन खंडहर के रूप में तब्दील होने जा रहा है।
भवन का हाल देखने जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो पहले सभी कमरों का जायजा लिया गया। जहां देख गया कि अभी से ही दीवारों पर कई दरारें आ गई है। जिसकी मरम्मत भी की गई है। उसके बाद भी बारिश का पानी कमरों के अंदर सीपेज होकर घुस रहा है। भवन निर्माण व मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई। लोक निर्माण एस डी ओ नाथ फोन से सम्पर्क करने से फोन नहीं उठाया।
ग्रामीणों की मानें तो उक्त भवन का लोकार्पण लगभग दो साल पहले हुआ है। भवन लोकार्पण के बाद कोई भी बड़े अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस भवन का हाल देखने नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री के बालोद दौरे के समय आनन-फानन में इस भवन का लोकार्पण करा दिया गया। लोकार्पण होने के बाद उक्त भवन में स्कूल तो संचालित होने लगी लेकिन ठेकेदार व अधिकारी निर्माण कार्य के आड़ में लाखों रूपए अंदर कर लिए।