दो माह से चल रहा विवाद
ग्राम में अतिक्रमण का विवाद दो माह से चल रहा है। तहसीलदार ने ग्रामीणों की मांग पर पूरे गांव की जमीन नाप के लिए पांच पटवारी एवं एक आरआई की टीम एक माह पूर्व गठित की थी। ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि टीम सप्ताह में तीन दिन ग्राम में सीमांकन कर अतिक्रमण भूमि को चिन्हित करेगी, जिसे नियमानुसार हटाया जाएगा। महीना बीतने के बाद भी टीम नहीं पहुंची। कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सब पंचायत की मिलीभगत से हो रहा है। उनका दावा है कि पंचायत ने गौठान में अतिक्रमण करने वालों को अन्यत्र घास भूमि में भूमि देने का आश्वासन दिया है।
दिनभर गाय रह जाती हैं भूखी
चरवाहों आनंदराम यादव, पंचराम यादव, सेवाराम यादव, राधेलाल यादव व अन्य ने कहा कि ग्राम की चारागाह भूमि पर लोगों ने पूरी तरह कब्जा कर लिया है। हम सड़क किनारे गाय को चराते हैं। यहां चारा नहीं है। दिनभर गाय भूखी रह जाती है। अब जहां गाय को ठहरा कर आराम कराते हैं, उस गौठान पर भी कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था। इसलिए हमने गायों को चराना बंद किया। ग्राम विकास समिति अध्यक्ष राजेश कुमार सोनी सोनबेर ने कहा कि 2 साल से चारागाह, मुक्तिधाम, अस्पताल परिसर, खेल मैदान सहित अन्य स्थलों से अतिक्रमण हटाने पंचायत से लेकर कलेक्टर तक आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 2 माह पूर्व विवाद के बाद तहसीलदार ग्राम में पहुंचे थे। ग्राम को अतिक्रमण मुक्त कराने का आश्वासन दिया था। कार्रवाई नहीं हुई। विकट स्थिति खड़ी होने पर ग्रामीणों ने सामूहिक निर्णय लेकर अतिक्रमण हटाया।
पंचायत ग्रामीणों के निर्णय के साथ
सरपंच रामसिंह मार्कंडेय ने कहा कि पंचायत ग्रामीणों के निर्णय के साथ है। हमने किसी को जमीन देने का वादा नहीं किया। आबादी घोषित होने के बाद ही जरूरतमंदों को भूमि दी जाएगी। पंचायत अतिक्रमण हटाने में सक्षम नहीं हुई, इसलिए ग्रामीण समिति ने कार्रवाई की। तहसीलदार को फोन कर बताया था कि पटवारी और आरआई काम नहीं कर रहे हैं।
घटनाक्रम की हमें जानकारी नहीं
तहसीलदार मनोज कुमार भारद्वाज ने कहा कि मैंने पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक की टीम गठित कर उन्हें सीमांकन का आदेश दे दिया है। टीम कार्य नहीं कर रही है। उसकी उसकी जानकारी पंचायत ने नहीं दी। रविवार के घटनाक्रम की भी हमें जानकारी नहीं है।