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24 घंटे की हड़ताल में जरूरी दवाइयों के लिए भटकते दिखे मरीज व परिजन

locationबालोदPublished: Sep 29, 2018 12:26:47 am

शुक्रवार को दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के विरोध में शहर सहित जिलेभर के कैमिस्ट शुक्रवार को सामूहिक रूप से अपने प्रतिष्ठान बंद रख राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए।

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24 घंटे की हड़ताल में जरूरी दवाइयों के लिए भटकते दिखे मरीज व परिजन

बालोद. शुक्रवार को दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के विरोध में शहर सहित जिलेभर के कैमिस्ट शुक्रवार को सामूहिक रूप से अपने प्रतिष्ठान बंद रख राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए। इस चौबीस घंटे की हड़ताल से मरीजों सहित उनके परिजन इमरजेंसी में जरूरी दवाइयों व इंजेक्शनों के लिए भटकते हुए नजर आए। मांग को लेकर अपर कलक्टर तनुजा सलाम को ज्ञापन सौंपा गया।
काली पट्टी बांधकर किया विरोध
सुबह से शहर के सभी मेडिकल स्टोर पूरी तरह से बंद रहे। केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष लोकनायक साहू, हंसमुख टुवानी, अर्जुन सिंह साहू का कहना है कि केन्द्र सरकार को बालोद जिले के सभी मेडिकल संचालकों सहित देशभर के साढ़े आठ लाख दवा विक्रेताओं के हित के बारे में सोचना चाहिए। हड़ताल को सफल बनाने के लिए एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर इसका विरोध भी किया। शुक्रवार को सुबह फव्वारा चौक पर शहर के मेडिकल स्टोर संचालक जुटे। यहां से नारे लगाते हुए दो पहिया वाहन रैली लेकर कलक्टोरेट पहुंचे और अपर कलक्टर तनूजा सलाम को ज्ञापन सौंपा।
दो बार आंदोलन किए पर नहीं सुनी इसलिए किए बंद
जिला दवा एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकनायक साहू का कहना है कि केन्द्र सरकार की ढिलाई के कारण देश में दवाइयों का ऑनलाइन व्यापार बीते एक साल में बढ़ा है। इसका असर भारतवर्ष में दवा का कारोबार कर रहे 8.5 लाख कैमिस्टों पर सीधे पड़ रहा है।इस मुद्दे पर सरकार का ध्यानाकर्षण करने दो बार भारत कैमिस्ट बंद आंदोलन किए हैं, लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की, इसलिए दवा की दुकानें बंद रखी गई। इस दौरान दुकानें बंद रहने से लोग निराश होकर सरकारी जिला अस्पताल जाकर दवाई लिए। मरीज रमेश, बाल्मिकि, दीपक पटेल, देविका, प्रेमलता आदि ने बताया मेडिकल स्टोर की हड़ताल के कारण उनके मरीजों को जरूरी दवाइयां नसीब नहीं हो सकी।
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अर्जुंदा : दवाई और सर्राफा दोनों दुकानें रहीं बंद
व्यापारियों पर हो रहे अत्याचारों व दवाइयों के ऑनलाइन खरीदी के लिए केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में अर्जुंदा में भी दुकानें बंद रखी गई। यहां व्यापारियों के खिलाफ लगातार लिए जा रहे फैसले से दवा व सर्राफा दोनों ही दुकानदारों ने विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है ऐसे में उनकी स्थिति खराब होती जा रही है। उनका कहना है सरकार शांतिपूर्ण ढंग से समस्याओं का समाधान करे। कहा विदेशी कंपनी को भारत में लाकर देश के व्यापारियों की हालत खराब कर रही है। मांग की गई कि धारा 411 संशोधन कर इन धाराओं में सरलीकरण किया जाए।

दल्लीराजहरा : बंद रखी गई दवा दुकानें
केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में छत्तीसगढ़ कैट और चैंबर की ओर से 28 सितंबर को प्रदेशव्यापी बंद के आव्हान के समर्थन में नगर के सभी मेडिकल स्टोर्स शुक्रवार को सुबह से बंद रखे गए। ऑनलाइन कारोबार, पिलपकार्ड और वॉलमार्ट की डील समेत मल्टीनेशनल कंपनियों के खिलाफ इस बंद के आव्हान के समर्थन में दवा व्यापारियों ने दुकानों के शटर पूरे दिन बंद रखा। विदित हो कि देश भर में ऑनलाइन कारोबार का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ गुरुवार की रात 12 बजे से शुक्रवार की रात 12 बजे तक राज्य भर की दवा दुकानों को बंद रखे जाने का निर्णय लिया गया था। स्कूल और कालेज को इस बंद से दूर रखा गया था। सरकारी व निजी बैंकों व कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से जारी रहा। नगर में यह बंद शांतिपूर्ण रहा।

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