इस मामले पर प्रभारी प्रधान पाठिका अनामिका देशलहरे ने भी कहा कि उन्होंने नहीं बताया, पर जो गलत हो रहा था उसकी शिकायत की गई और कुछ नहीं। देशलहरे ने साफ कहा कि शिक्षक रामसिंह हमेशा गलत बर्ताव करता था, कई बार देर से स्कूल आता और देर तक मोबाइल पर बात करता रहता था। स्कूल में बाहरी व्यक्ति को बुलाता था। इसकी जानकारी शाला प्रबंधन समिति को मौखिक रूप से दी गई थी।
इधर शाला प्रबंधन समिति ने साफ कहा कि इस शिकायत की जानकारी नहीं दी गई थी। शाला प्रबंधन समिति के लीना बाई व उनके पति ने भी बताया इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी। मामले में समिति ने शिक्षक के बारे में बच्चों से पूछने पर बताया कि शिक्षक मारपीट नहीं करते थे। मामले को गंभीर मानते हुए प्रबंधन समिति और ग्रामीणों ने सोमवार को मामले की पुन: जांच व एक शिक्षक की मांग को लेकर अधिकारी से मिले।
निलंबित शिक्षक रामसिंह ने बताया प्रभारी प्रधान पाठिका द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी इस बारे में नहीं बताई गई। अगर ऐसा है तो शाला प्रबंधन समिति के समक्ष बात रखते, मेरी गलती बताते। अगर गलत होता तो सुधारता। शिक्षक रामसिंह ने अब मामले को न्यायालय में ले जाने की बात कही है। जब तक सही जांच और कार्रवाई नहीं होती तब तक न्याय के लिए लडऩे की बात कही।