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शिक्षक को निलंबित करने के मामले में स्कूल समिति और ग्रामीण हुए लामबंद

locationबालोदPublished: Sep 18, 2018 12:58:19 am

प्राथमिक शाला पर्रेगुड़ा में प्रधान पाठिका की शिकायत पर शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक के निलंबन पर ग्रामीण व प्रबंधन समिति नाराज है। वे निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंपा है।

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शिक्षक को निलंबित करने के मामले में स्कूल समिति और ग्रामीण हुए लामबंद

बालोद. प्राथमिक शाला पर्रेगुड़ा में प्रधान पाठिका की शिकायत पर शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक के निलंबन पर ग्रामीण व प्रबंधन समिति नाराज है। वे मामले की फिर से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंपा है। शाला प्रबंधन समिति और ग्रामीणों ने मामले पर एक बैठक कर विचार-विमर्श किया है। उसके बाद मामले की दोबारा जांच कराने का निर्णय लिया है। शाला प्रबंधन समिति का कहना है कि जब स्कूल में इस तरह का कोई मामला था तो प्रबंधन समिति को क्यों नहीं बताया गया। बिना सूचना के शिकायत की।
बर्ताव सही नहीं था
इस मामले पर प्रभारी प्रधान पाठिका अनामिका देशलहरे ने भी कहा कि उन्होंने नहीं बताया, पर जो गलत हो रहा था उसकी शिकायत की गई और कुछ नहीं। देशलहरे ने साफ कहा कि शिक्षक रामसिंह हमेशा गलत बर्ताव करता था, कई बार देर से स्कूल आता और देर तक मोबाइल पर बात करता रहता था। स्कूल में बाहरी व्यक्ति को बुलाता था। इसकी जानकारी शाला प्रबंधन समिति को मौखिक रूप से दी गई थी।
बच्चों ने कहा शिक्षक नहीं करते थे मारपीट
इधर शाला प्रबंधन समिति ने साफ कहा कि इस शिकायत की जानकारी नहीं दी गई थी। शाला प्रबंधन समिति के लीना बाई व उनके पति ने भी बताया इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं थी। मामले में समिति ने शिक्षक के बारे में बच्चों से पूछने पर बताया कि शिक्षक मारपीट नहीं करते थे। मामले को गंभीर मानते हुए प्रबंधन समिति और ग्रामीणों ने सोमवार को मामले की पुन: जांच व एक शिक्षक की मांग को लेकर अधिकारी से मिले।
शिकायत में सुधार करता
निलंबित शिक्षक रामसिंह ने बताया प्रभारी प्रधान पाठिका द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी इस बारे में नहीं बताई गई। अगर ऐसा है तो शाला प्रबंधन समिति के समक्ष बात रखते, मेरी गलती बताते। अगर गलत होता तो सुधारता। शिक्षक रामसिंह ने अब मामले को न्यायालय में ले जाने की बात कही है। जब तक सही जांच और कार्रवाई नहीं होती तब तक न्याय के लिए लडऩे की बात कही।
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