पुलिस से बचने नारायणपुर में छिपा था मुख्य आरोपी
एक सप्ताह पहले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बालोद के नोडल अधिकारी सत्येंद्र कुमार वेदे ने कोतवाली थाने में निपानी बैंक शाखा के घोटाले में पूर्व कैशियर अजय भेडिय़ा, ब्रांच मैनेजर तामेश्वर नागवंशी व क्लर्क दौलत ठाकुर के खिलाफ धारा 420, 409, 34 के तहत मामला दर्ज कराया था। मुख्य आरोपी अजय भेडिय़ा घर से फरार था। आरोपी को पकडऩे पुलिस ने मुखबिर भी लगाए थे। आरोपी अजय भेडिय़ा नारायणपुर में होने की जानकारी मिली तो नारायणपुर व बालोद पुलिस की टीम ने मिलकर नारायणपुर से गिरफ्तार कर लिया।
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पूर्व ब्रांच मैनेजर व अस्पताल में भर्ती क्लर्क भी होंगे गिरफ्तार
इस मामले में अब पूर्व ब्रांच मैनेजर तामेश्वर नागवंशी व क्लर्क दौलत ठाकुर की भी गिरफ्तारी की जाएगी। दौलत ठाकुर का स्वास्थ्य खराब है। वह रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती है। स्वस्थ होने पर उसे भी पुलिस गिरफ्तार करेगी।
पत्रिका ने उठाया मामला, तब हुई एफआईआर
पत्रिका ने सबसे पहले 23 फरवरी को बैंक घोटाले का खुलासा किया था। लगातार समाचार प्रकाशित किया। समाचार प्रकाशन के बाद ही जांच शुरू हुई। खाते में हेराफेरी की राशि भी वापस होने की कार्रवाई शुरू हुई। अब मुख्य आरोपी अजय भेडिय़ा की गिरफ्तारी भी हो गई।
बैंक अध्यक्ष व किसानों ने कहा-धन्यवाद पत्रिका
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष जवाहर वर्मा ने कहा कि मामले को पत्रिका ने लगातार समाचार प्रकाशित कर किसानों के हक की लड़ाई लड़ी। अब आरोपी की गिरफ्तारी भी हुई। बालोद पुलिस ने भी तत्परता से आरोपी की गिरफ्तारी किया। इस नेक कार्य के लिए पत्रिका (patrika) को धन्यवाद। वहीं किसानों ने भी पत्रिका का आभार माना।
अब तेजी से होगी जांच व किसानों की राशि की वापसी
जांच अधिकारी व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष जवाहर वर्मा ने कहा कि अजय भेडिय़ा की गिरफ्तारी जरूरी थी। आरोपी से यह पता करेंगे कि आखिर कितने खाते से कितनी गड़बड़ी की है। इस आधार पर जांच चलेगी। खाते का मिलान कर किसानों के खाते में राशि जमा की जाएगी।
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थाना प्रभारी की सक्रियता से हुई गिरफ्तारी
एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी एवं थाना प्रभारी मनीष शर्मा के नेतृत्व में निपानी में जाकर आमनतदारों का बयान लिया गया। जरूरी दस्तावेज को बैंक से प्राप्त कर जब्त किए गए। साइबर सेल प्रभारी डीएसपी राजेश बागड़े के पर्यवेक्षण में अलग-अलग टीम बनाकर फरार आरोपी की पतासाजी के लिए उपनिरीक्षक कैलाश मरई, अमित तिवारी, यामन देवागंन के नेतृत्व में रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, धमतरी में दबिश दी गई। एक टीम तकनीकी विश्लेषण कर मदद की। तकनीकी विश्लेषण एवं मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर 4 मार्च की रात्रि निरीक्षक मनीष शर्मा के नेतृत्व में टीम को मुख्य आरोपी अजय कुमार भेडिय़ा के पकडऩे नारायणपुर रवाना किया गया। जहां से पकड़कर शनिवार को बालोद थाने लाया गया।
तीन-चार साल से घोटाला, तीनों आपस में बांटते थे राशि
आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में अमानतदारों का 3-4 वर्षो से खाताधारकों का फर्जी फिक्स डिपाजिट कर, पासबुक में फर्जी पैसा सबंधित जानकारी उल्लेखित कर, खाताधारकों के खाते से फर्जी पैसा आहरण पर्ची भरकर पैसा निकाल लेना एवं पैसों को अपने सह आरोपियों लिपिक दौलत राम ठाकुर एवं शाखा प्रबंधक तामेश्वर नागवंशी के साथ आपस में बांटना स्वीकार किया गया है। अरोपी से पूछताछ जारी है। आगे कई बड़े खुलासे हो सकते है।