बालोदPublished: Jan 31, 2023 07:12:30 pm
Chandra Kishor Deshmukh
बालोद जिले में रफ्तार का कहर थम नहीं रहा है। शहर की सड़कों में वाहन 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं, जबकि वाहनों की रफ्तार 20 से 30 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बढऩे लगे हैं। वहीं पुलिस विभाग के पास स्पीड पर लगाम लगाने स्पीड रडार गन है। यह सिस्टम सिर्फ दिखावे के लिए है।
बालोद. जिले में रफ्तार का कहर थम नहीं रहा है। शहर की सड़कों में वाहन 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे हैं, जबकि वाहनों की रफ्तार 20 से 30 किमी प्रति घंटे की होनी चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बढऩे लगे हैं। वहीं पुलिस विभाग के पास स्पीड पर लगाम लगाने स्पीड रडार गन है। यह सिस्टम सिर्फ दिखावे के लिए है। उपयोग कभी कभार ही करते हैं। सबसे ज्यादा खतरा दल्लीराजहरा मार्ग से जिला मुख्यालय होते हुए झलमला मार्ग पर जाने वाले मालवाहक वाहनों से रहता है। इनकी रफ्तार काफी तेज रहती है। इसी माह तेज रफ्तार हाइवा की टक्कर से देवतराई के युवक की मौत हो गई थी। यातायात पुलिस के मुताबिक तीन साल में 1043 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। दुर्घटनाओं में 455 लोगों की मौत एवं 993 लोग घायल हुए हैं। जनवरी माह में ही सड़क दुर्घटना में 5 लोगों की मौत हो चुकी है।