बता दें कि विभाग द्वारा सम्मेलन के पांच दिन पहले फंड की कमी बताकर आयोजन को रद्द कर दिया था। इससे थर्ड जेंडर्स (third gender) ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर गुस्सा उतारा था। पूरे घटनाक्रम से महिला एवं बाल विकास मंत्री को भी अवगत करा दिया था। जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा था। दैनिक अखबार पत्रिका ने उनके विरोध से संबंधित समाचार का प्रकाशन कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। समाचार प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आया और निरस्त सम्मेलन को फिर से आयोजन की स्वीकृति दी है।
(Balod news) Read more: ऐन वक्त पर फंड की कमी बताकर विभाग ने मुंहफेरा, सम्मेलन निरस्त करने पर भड़के थर्ड जेंडर… अधिकारी जवाब नहीं दे पाएसम्मेलन निरस्त करने पर आक्रोशित थर्ड जेंडर्स
(third gender) ने विभागीय अधिकारियों से सवाल जवाब किया तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। वही विरोध प्रदर्शन और तैयारी को देखते हुए देर रात समाज कल्याण विभाग ने अनुमति दे दी है।
(Balod news) कंचन शेंद्रे ने बताया कि वर्तमान में थर्ड जेंडर समुदाय के लोग दयनीय जीवन जी रहे है। कल्याण बोर्ड बनने के बाद भी सम्मान के साथ जीने का अवसर ही नहीं मिल रहा है। यही नहीं इस वर्ग के बहुत सारे लोग आज भी छुपे हुए है। खुलकर सामने नहीं आ रहे है। इस वर्ग के सभी लोगों को सम्मान के साथ जीने और एक साथ एक जगह रहकर अपनी समस्याओं को जानने व समाधान के लिए ही यह आयोजन किया जा रहा है।
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