जानकारी अनुसार जब किसी व्यक्ति को बीमारी या दुर्घटना के कारण वीलचेयर, कमोड चेयर, वाकर इत्यादि उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है तब मरीज के परिजन इसी बैंक में जाकर सहायक सामग्री लाते हैं। दुर्घटना के बाद मरीजों को मी बैंक से एयर बेड, आईसीयू बेड, पोर्टेबल आक्सीजन मशीन, वीलचेयर, वाकर जैसे महंगे उपकरण की आवश्यकता पड़ती है, तब जन सामान्य के बजट से ज्यादा होते हैं। ऐसी निर्मित परिस्थितियों के कारण लोग उपकरण का लाभ चाह कर भी नहीं ले पाते हैं। ऐसे समय में यह बैंक मरीजों के लिए संजीवनी साबित होता है।
मी बैंक में ये उपकरण नि:शुल्क उपयोग के लिए दिया जाता है। बैंक से सामाग्री सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक अवकाश दिवस को छोड़कर उपलब्ध रहती है। सामान्य नियम-शर्तों का पालन कर बैंक से सामान तत्काल प्राप्त किया जा सकता है। इस बैंक से विकासखंड सहित जिले भर के जरूरतमंद व्यक्ति लाभ उठा रहे हैं। यह बैंक आम जनता के हित के लिए है इसलिए आम जनता भी स्वयं ही सावधानी से सामान उपयोग करते हैं। इन उपकरणों का लाभ अपने ही किसी और को भविष्य में करना हैं। यह सुविधा जीवन भर का नहीं अपितु सीमित समय के लिए है।
इस बैंक को स्व. भोमराज श्रीश्रीमाल ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस बैंक के मार्गदर्शक बालोद जिले के समाजसेवी डॉ. प्रदीप जैन हैं। मी बैंक की संचालिका ने बताया आवश्यकता पर निर्धारित समय में कोई भी व्यक्ति बैंक में आकर अपने क्षेत्र के सरपंच, समाज प्रमुख के प्रमाण पत्र, आवेदक के आधार कार्ड की कापी के साथ आवेदन कर सकता है। इन्हें अधिकतम एक बार में 15 दिवस के लिए सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। मरीज की आवश्यकता एवं परिस्थितियों को देखते हुए यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। संस्कार एजेंसी संस्कार शाला के बगल में स्थित बैंक से वर्तमान में सामग्री के लेने के समय कुछ अमानत राशि जमा कराई जाती है जो सामग्री वापस करने के समय वापस कर दी जाती है। घनवाराम साहू, कृष्णा पटवा, चतुर्भुज सार्वा, डेवेड जैन, यज्ञदत्त साहू, सुशील यादव, दिलीप पटवा, विकास जैन, अरूण देवांगन सहित गुरुर विकासखंड के दर्जनों जरुरतमंदों सहित आसपास के ग्रामीण भी इस बैंक का लाभ ले चुके हैं।