यहां तीन हजार रक्तदाता तैयार, किसी जरूरतमंद को नहीं होगी परेशानी
निजी चिकित्सक संघ के प्रयास से गुरुर विकासखंड में 3000 से अधिक रक्त दाता तैयार हो गए हैं। 1000 से अधिक युवाओं ने रक्तदान किया है।

बालोद/गुरुर . निजी चिकित्सक संघ के प्रयास से विकासखंड में 3000 से अधिक रक्त दाता तैयार हो गए हैं। रक्तदाता समूह के संस्थापक डॉ. हरिकृष्ण गंजीर स्वयं 21 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनकी प्रेरणा से 1000 से अधिक युवाओं ने रक्तदान किया है। संघ जिले का वह समूह है, जो ग्रामों में रहकर ग्रामीणों को प्रारंभिक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराता है। भारतीय आयुर्वेद पद्धति से इलाज करता है। इन चिकित्सकों में से लगभग 1200 चिकित्सकों ने निजी चिकित्सक संघ की स्थापना की है।
1200 चिकित्सक युवाओं की टीम कर रहे तैयार
संघ के प्रथम जिला अध्यक्ष के रूप में डॉ. हरिकृष्ण गंजीर को चुना है। जिला अध्यक्ष बनने के साथ ही डॉ. हरिकृष्ण ने रक्तदाता समूह बनाने का मिशन शुरू किया। संघ के लगभग 1200 चिकित्सक गांव-गांव घूमकर ऐसे युवाओं की टीम तैयार कर रहें है जो रक्तदान करने तैयार हैं। इसके लिए ग्रामों में जनजागरण शिविर भी लगा रहे हैं। ये चिकित्सक अपने कार्यक्षेत्र में युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पहले स्वयं किया रक्तदान
युवाओं को प्रेरित करने से पहले इन चिकित्सकों ने पहले स्वयं रक्तदान किया। इसके बाद अभियान शुरू हुआ। डॉ. गंजीर के सहयोगी डॉ. योगेश साहू ने 19 बार एवं हेमंत ग्वालेन्द्र 15 बार रक्तदान कर चुके हैं। ग्राम मोहरा के रामलखन साहू एवं कमलेश्वर सोनवानी दस-दस बार रक्तदान कर चुके हंै।
5 हजार युवाओं को जोडऩे का लक्ष्य
संघ के 1200 चिकित्सकों ने विकासखंड सहित बालोद जिला में 5000 नए युवओं को जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए चिकित्सक गांव-गांव जाकर युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। जिससे जरूरत पडऩे पर मरीज को उन्हीं के ग्राम से रक्तदाता मिल सके।
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