बालोद

एक हफ्ते की जागरूकता, सालभर कार्रवाई फिर भी 412 सड़क हादसों में 157 की मौत

जिले की सड़कों पर मौत के वाहन दौडऩे लगे हैं। किसी को पता नहीं कि कौन सा वाहन किस कारण से उसकी जान ले ले। सच्चाई विभाग से मिले आंकड़े बता रहे हैं।

बालोदApr 23, 2018 / 11:31 pm

Dakshi Sahu

बालोद. जिले की सड़कों पर मौत के वाहन दौडऩे लगे हैं। किसी को पता नहीं कि कौन सा वाहन किस कारण से उसकी जान ले ले। इसकी सच्चाई पुलिस विभाग से मिले हदासों के आंकड़े बता रहे हैं। एक साल तीन माह यानि कुल 15 माह में 412 सड़क दुर्घटनाओं में कुल 157 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 290 लोग घायल हो गए। इनमें से कई अपाहिज जैसी जिंदगी बिता रहे हैं। किसी के हाथ, टूटे तो किसी के पैर, रीढ़ की हड्डी टूटने से जीवन तकलीफदेह हो चुकी है। दुर्घटनाओं का बड़ा कारण नशे में वाहन चलाना माना गया है।

घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे
इतनी घटनाओं के बाद भी लोग नहीं चेत रहे हैं। इधर जिला पुलिस विभाग इस सत्र फिर लोगों को जागरूक करने के लिए यातायात के नियम की जानकारी देने सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत कर दी है। इस दौरान विभाग नियमों की जानकारी देगा, नशे की हालत एवं तेज रफ्तार से वाहन न चलाने सहित और भी नियमों की जानकारी देगा। आखिरकार इन नियमों का पालन वाहन चालकों को ही करना है, लेकिन उनकी लापरवाही के कारण ही उन्हें बड़ा नुकसान हो रहा है। ये लोग जागरूकता अभियान को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। इसी वजह से 2017 में जनवरी से दिसंबर तक 322 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 114 लोगों की मौत हो गई और 290 लोग घायल हो चुके हैं।

तीन माह में 90 हादसों में 43 लोगों ने गंवाई जान और 72 हुए घायल
आंकड़ों के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं शराब के नशे में हुई है जिनके कारण मौत भी हुई है। लगातार सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी वाहन चालक नहीं चेत रहे हैं। लापरवाहीपूर्वक गाड़ी चलाने के कारण अपने परिवार से हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं। 2018 में तीन माह में 90 हादसे हुए। इसमें 43 की मौत हो गई और 72 लोग घायल हो गए। हादसों की एक वजह अंधा मोड़ में सावधानी नहीं बरतना भी सामने आया है।

ज्यादा मौत बिना हेलमेट और नशे में वाहन चलाने से
यातायात विभाग के मुताबिक अधिकतर सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत शराब के नशे में और बिना हेलमेट वाहन चलाने से सिर में गंभीर चोट लगने से होती है। पुलिस जागरूकता अभियान में वाहन चालकों को हेलमेट का उपयोग करने एवं वाहन सामान्य गति से चलाने व शराब के नशे में वाहन नहीं चलाने की समझाइश देती है। इसके बाद भी वाहन चालक मनमानी व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हैं।

हेलमेट की जगह स्कॉर्फ पहन खुद को समझते हैं सुरक्षित
इधर अक्सर देखा जाता है कि लोग खासतौर पर युवक-युवतियां वाहन चलाते समय हेलमेट की जगह स्कॉर्फ बांध लेते हैं और खुद को सुरक्षित समझने लगते हैं। हाल ही में नए साल पर बिना हेलमेट, तीन सावरी, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वाले लोगों को यातयात नियम संबंधित ग्रीटिंग कार्ड भेंट कर अपील की गई थी कि वाहन यातायात नियम का पालन करते हुए चलाएं।

यातायात नियमों का करे पालन
बालोद जिले के यातायात प्रभारी युधिष्ठिर साहू ने बताया लापरवाही व नियम विरुद्ध वाहन चलाने वाले चालकों पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही समझाइश भी दी जा रही है कि यातायात के नियमों का पालन करें। लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देने यातायात सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है।

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