किया जा रहा सामान शिफ्ट
यहां के कर्मचारियों ने इलाज में उपयोग किए जाने वाली दवाई, सहित अन्य सामग्रियों को शिफ्ट किया। सिविलसर्जन, कार्यालय, सहित जिला अस्पताल के सभी कार्यालय यहीं से संचालित किए जा रहे हैं।
जच्चा बच्चा केंद्र में संचालित हो रहा था जिला अस्पताल
कोरोना मरीजों के इलाज बेहतर इलाज की जरूरत थी। तब जिला अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया। जिला अस्पताल का संचालन जच्चा बच्चा केंद्र में अस्थाई रूप से किया गया।
कोरोना ने बदल दी स्वास्थ व्यवस्थाएं
कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि हुई है। इलाज के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती हुई। जिला अस्पताल में आधुनिक मशीनें व तीन ऑक्सीजन प्लांट लगे। लोगों ऑक्सीजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। जच्चा बच्चा केंद्र सहित जिला अस्पताल ऑक्सीजन से पूरी तरह से लैस है।
रोजाना 1100 से अधिक की हो रही जांच
जिला भले ही कोरोना मुक्त हो गया हो। लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रति अभी खतरा टला नहीं है। स्वास्थ्य विभाग कोरोना सक्रमण को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से रोजना 11 सौ से अधिक लोगों की कोरोना जांच कर रहा है।
कोरोना का एक भी मरीज नहीं
सिविल सर्जन डॉ. एसएस देवदास ने बताया कि जिले में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है। अब जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज, भर्ती व ओपीडी शुरू हो चुका है। जच्चा बच्चा केंद्र में सिर्फ बच्चों का इलाज व प्रसव कराया जा रहा है। कोरोना काल से जिला अस्पताल में इलाज की सुविधाएं बढ़ी है। जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है।