इस घटना की जानकारी किसी को नहीं थी। नाबालिग ने इस दुष्कर्म की जानकारी लोक लाज और भय के कारण माता पिता और न ही परिजन को दी। पढ़ाई में होशियार लड़की की मनोदशा और स्कूल में हमेशा गुमसुम रहने पर प्राचार्य ने पूछताछ की। हिम्मत करके नाबालिग ने प्राचार्य को अपने साथ हो रहे अत्याचार के बारे में बताया। दुष्कर्म की घटना को सुन प्राचार्य भी आवाक रह गया। उन्होंने नाबालिग के माता-पिता को घटना की जानकारी। परिजन ने रविवार को बालोद थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। एक आरोपी हरीराम 35 साल पहले भी दुष्कर्म के मामले में जेल की हवा खा चुका है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक नाबालिग के साथ कक्षा छठवीं से शरीरिक शोषण हो रहा था। बताया जाता है कि आरोपी हरिराम निषाद पिता कन्नू राम 35 साल और दूसरे आरोपी कंवल नारायण 32 साल दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। हरिराम बच्ची को कक्षा छठवीं में थी तभी पैसे व चॉकलेट देने के बहाने अपने घर ले जाकर दुष्कर्म करता था। फिर अपने साथी कंवल नारायण को भी अपने साथ इस घटिया काम में शामिल कर लिया। दोनों जब भी मौका मिलते बच्ची के साथ दुष्कर्म करते। नाबालिग के माता-पिता काम पर चले जाते थे। नाबालिग कई बार स्कूल भी नहीं जा पाती और घर में अकेली रहती थी। तभी दोनों दरिंदे उसके घर या फिर उसे अपने घर बुलाकर गंदा काम करते थे।
जानकारी के मुताबिक नाबालिग कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाई में होशियार थी। अचानक कक्षा नवमीं में फैल हो गई। पढ़ाई के स्तर में लगातार कमजोर और गुमसुम रहने के बारे में प्राचार्य ने बच्ची से पूछा तब उन्होंने रोते हुए पूरी घटना बताई।
जानकारी के मुताबिक आरोपी हरिराम पहले भी दुष्कर्म के मामले में जेल की हवा खा चुकाहै। उसकी इसी हरकत के चलते पत्नी ने घर में फांंसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
नाबालिग से दुष्कर्म की इस घटना से पुलिस भी आहत है। पुलिस अधीक्षक एमएल कोटवानी ने पालकों से अपील की है कि बच्चों के हाव भाव और हरकत पर कड़ी नजर रखें। कई बार बच्चे डर के कारण कोई जानकारी पालकों को नहीं दे पाते हंै। उनसे दोस्ताना व्यवहार कर साथियों और घर के बाहर मिलने वालों के बारे में जानकारी लेते रहना चाहिए। बच्चों को अपने निगरानी में रखें। उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी की गिरफ्तारी की जा चुकी है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।