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मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग का किया जलाभिषेक

locationबालोदPublished: Jul 23, 2019 12:50:03 am

सावन के प्रथम सोमवार को जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के शिवालयों में ओम नम: शिवाय गूंज उठा। जिले के सबसे बड़े आस्था का केंद्र दशौंदी तालाब स्थित जलेश्वर महादेव में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही।

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मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग का किया जलाभिषेक

बालोद @ patrika . सावन के प्रथम सोमवार को जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण अंचलों के शिवालयों में ओम नम: शिवाय गूंज उठा। जिले के सबसे बड़े आस्था का केंद्र दशौंदी तालाब स्थित जलेश्वर महादेव में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही।
सुख-समृद्धि की कामना
दूरदराज से महिलाएं व पुरुष शिवालय पहुंचे और पूजा-अर्चना की। मंदिरों में पहुंचने वाले भक्तों ने बाबा का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करने के साथ ही उनको फूल-माला, धतूरा आदि अर्पित कर अपने और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
शिवलिंग को बेल पत्र, दूध, गंगाजल किए अर्पित
जिला मुख्यालय के गंजपारा के दशौंदी तालाब स्थित जलेश्वर महादेव, कपिलेश्वर महादेव, शिव हनुमान मंदिर में भक्तों ने शिवलिंग को बेल पत्र, दूध, गंगाजल अर्पित कर पूजा अर्चना की। मंदिर समिति भक्तों की ओर से प्रसाद दिया जा रहा है। दशौदी तालाब स्थित मंत्र लेखन कक्ष में भी शिवभक्त नम: शिवाय मंत्र लेखन कर रहे हैं। मंत्र लेखन करने भीड़ लगी रही।
मंदिरों में चलता रहा भजन-कीर्तन
दर्शन-पूजन के लिए सबसे अधिक भीड़ जलेश्वर महादेव, शीतला मंदिर, राम मंदिर, हनुमान मंदिर, रेलवे फाटक के शिव मंदिर, मोखला मांझी मंदिर, पुराना बस स्टैंड के शिव मंदिर में देखी गई। आज के दिन से प्रमुख शिव मंदिरों में कीर्तन-भजन का दौर भी प्रारंभ हो गया हैं, जो लगातार एक माह तक चलता रहेगा। मंदिरों को फूल-माला के साथ ही बिजली के झालरों से सजाया गया है। प्रत्येक सोमवार को शिव का शृंगार करने के साथ ही मंदिरों की सजावट की गई हैं।
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मंदिरों में शिव चालीसा पाठ एवं रामायण पाठ की रही गूंज
दल्लीराजहरा @ patrika. सावन के पहले सोमवार पर शिव भक्तों ने शिवालय में पहुंचकर जलाभिषेक किया। नगर के विभिन्न मंदिरों में शिव चालीसा पाठ एवं रामायण पाठ की गूंज रही। श्रद्धालुओं ने सोमवार को व्रत रखा और सात्विक होकर भगवान शिव की आराधना में लीन हो गए हैं। यह भी मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को पाने के लिए सावन के महीने में घोर तपस्या की थी और उन्होंने अपने इस तप के बल पर भगवान शिव को प्राप्त किया था। इस दृष्टि से सावन माह में कुंवारी कन्याएं व अविवाहित युवतियां भगवान शिव की आराधना कर अच्छा जीवन साथी मिलने की कामना करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के साथ अपने घर-परिवार की सुख समृद्धि व जीवन मेंं खुशहाली की कामना करती हैं।

पार्थिव शिवलिंग बना कर की पूजा
शिव मंदिर में 11:30 बजे गौरीशंकर मानस महिला मंडली नेा दीमक के भोडु से प्राप्त मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की गई। जिसके बाद मंडली ने दोपहर से शाम 4 बजे तक 108 शिव चालीसा पाठ किया गया।
रामायण का किया पाठ
इसके बाद महिला मंडली ने रामायण पाठ किया। नगर के राजहरा बाबा मंदिर, श्री राम मंदिर, दुर्गा मंदिर, झरन मैया मंदिर, चंडी मंदिर, नारायणी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों, शिवालयों एवं कोकान घाट स्थित शिव मंदिर मेें जलाभिषेक किया। कुछ मंदिरों में ओम नम: शिवाय की गूंज होती रही।

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