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क्या रेलवे के इंजीनियर को मात दें पाएंगे ग्रामीण इंजीनियर

locationबालोदPublished: Sep 08, 2018 11:45:33 pm

Submitted by:

Rajkumar Bhatt

बालोद रेलवे अंडर ब्रिज से ग्रामीण इंजीनियर के पानी निकालने पाताल सोख्ता का काम शनिवार को शुरू हो गया। इस पर रेलवे अधिकारियों की पूरी नजर है।

bore at under bridge

क्या रेलवे के इंजीनियर को मात दें पाएंगे ग्रामीण इंजीनियर

बालोद. रेलवे द्वारा बनाए गए अंडरब्रिज में भर रहे पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए पाताल सोख्ता का निर्माण किया जा रहा है। शनिवार को पाताल सोख्ता के निर्माण के लिए बोख खनन शुरू किया गया। रविवार से व्यवस्थित तरीके से काम होगा।
अंडरब्रिज में पानी भरने की समस्या

रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के बाद से पानी भरने की समस्या से आवाजाही प्रभावित होती रही है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे अधिकारियों के निरीक्षण के बाद अनेकों बार प्रयास किए गए, लेकिन अब तक कोई भी प्रयास सफल साबित नहीं हुआ है। आखिर में ग्रामीणों की सलाह पर पाताल सोख्ता के निर्माण का फैसला लिया गया है, जिस पर शनिवार से क्रियान्वयन शुरू हो गया।
सोख्ता से सूखेगा पानी

पाताल सोख्ता निर्माण करने वाले यशवंत लोहार और उनके सहयोगी दिनेश यादव ने बताया कि रेलवे अंडरब्रिज में भर रहे पानी को सुखाने की दिशा में काम किया जा रहा है। बोर खनन से अंडर ब्रिज में भरने वाला पानी अंदर चला जाएगा और बाहर सूखा रहेगा। रेलवे के अधिकारी अब पाताल सोख्ता की सफलता की उम्मीद किए हुए हैं। इससे न केवल रेलवे की बल्कि वार्डवासियों की भी परेशानी दूर हो जाएगी।
100 फीट किया गहरा बोर

बता दें कि अंडरब्रिज के पास 100 फीट गहरा बोर कराया जा रहा है। इस बोर में ही पाताल सोख्ता सिस्टम बनाया जाएगा। यशवंत लोहार ने बताया कि यह सिस्टम बहुत अच्छा है। इस सिस्टम से अंडरब्रिज में जितना भी पानी भरे उसे सोख लेगा। इधर रेलवे विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अगर यह सिस्टम सफल हुआ तो रेलवे लाइन के पास जितने भी अंडरब्रिज है, वहां पर भी इन्हीं लोगों के जरिए यह सिस्टम बनाएंगे।
रेलवे के अधिकारियों की नजर

पाताल सोख्ता निर्माण पर रेलवे विभाग के तमाम अधिकारियों की नजर है कि आखिर किस तरह ग्रामीण सोख्ता का निर्माण करते हैं। दरअसल, अब तक अंडरब्रिज से पानी निकालने के रेलवे इंजीनियरों के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं, जिसके बाद ग्रामीणों के हिसाब से पाताल सोख्ता का निर्माण किया जा रहा है। रेलवे इंजीनियरों को भले की संयश हो, लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि पाताल सोख्ता उम्मीदों पर खरा उतरेगा। सिस्टम के सफल होने के लिए यहां तक यशवंत के परिजन भगवान से प्रार्थना भी कर रहे हैं।
अपने पैसों पर ग्रामीण बना रहे सोख्ता

वार्ड पार्षद कसुमुद्दीन कुरैशी ने शनिवार को पूजा कर बोर खनन काम का शुभारंभ किया। बालोद रेलवे के इंजीनियर नायक ने बताया कि पाताल सोख्ता का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। पहले पाताल सोख्ता निर्माण कार्य ग्रामीण अपने खर्च से कर रहे हैं। सिस्टम सफल रहा तो और जगह यह सिस्टम बनाएंगे और उसके निर्माण खर्च भी देंगे।
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