लगभग तीन हजार की जनसंख्या वाले इस ग्राम के श्मशान घाट में बने शेड आंधी में उड़ गए, उसके बाद तो इसकी मरम्मत पर किसी ने ध्यान ही नही दिया और अब हालत ऐसी हो गई है कि बारिश के दिनों में अगर किसी की मौत हो जाए तो उसके दाह संस्कार करने में मृत परिवार व ग्रामीणों को परेशानियों का सामान करना पड़ता है।
इसका ताजा उदाहरण रविवार को गांव में देखने को मिला, जब गांव के एक साहू परिवार में किसी की मौत हो गई। इस दौरान जोर की बारिश होने से उनके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट में शेड नहीं होने के कारण लोग हाथों में छाता लेकर बारिश से बचने का प्रयास किया। बताया जाता है यहां का शेड एक साल से उड़ गया है।
रविवार को सुबह से बारिश होने के कारण मृत शारीर का दाह संस्कार करने नदी किनारे लाया गया, तो वहां पहले चार लोगों ने बारिश से बचने त्रिपाल लगाया और फिर संस्कार के लिए मुखाग्नि दी। ग्रामीणों की मानें तो कई बार पंचायत को इसके बारे में अवगत कराया गया है।
मामले में सरपंच प्रकाश सिंह नाहर ने बताया शासन द्वारा बनाया गया श्मशान शेड आंधी में उड़ गया और अब ग्राम पंचायत में अनुमोदन कराया गया है। जल्द ही ग्राम पंचायत की निधि से यहां के श्मशान घाट में शेड का निर्माण करने पर विचार कर रहे हैं।