scriptकोरोना जंग में आयुर्वेदिक काढ़ा को CG के इस कलेक्टर ने बनाया हथियार, 57 क्वांटाइन सेंटर में रोज प्रवासी श्रमिक पी रहे काढ़ा | Workers are drinking the decoction at the Quarantine Center in Balod | Patrika News
बालोद

कोरोना जंग में आयुर्वेदिक काढ़ा को CG के इस कलेक्टर ने बनाया हथियार, 57 क्वांटाइन सेंटर में रोज प्रवासी श्रमिक पी रहे काढ़ा

कोरोना महामारी से निपटने के लिए जिले में भी केरल की तर्ज पर क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों व बच्चों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा रही है। (coronavirus in chhattisgarh)

बालोदMay 26, 2020 / 12:55 pm

Dakshi Sahu

कोरोना जंग में आयुर्वेदिक काढ़ा को CG के इस कलेक्टर ने बनाया हथियार, 57 क्वांटाइन सेंटर में रोज प्रवासी श्रमिक पी रहे काढ़ा

कोरोना जंग में आयुर्वेदिक काढ़ा को CG के इस कलेक्टर ने बनाया हथियार, 57 क्वांटाइन सेंटर में रोज प्रवासी श्रमिक पी रहे काढ़ा

सतीश रजक@ बालोद. कोरोना महामारी से निपटने के लिए जिले में भी केरल की तर्ज पर क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों व बच्चों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाकर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा रही है। कोरोना से बचाने प्रशासन ने आयुर्वेद को अपनाया है। क्वारंटाइन सेंटर में अन्य राज्यों से आए लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए यह काढ़ा दिया जा रहा है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाने की आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर जिन सेंटर में ज्यादा लोग क्वारंटाइन हैं, वहां यह आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है। आयुर्वेद विभाग का दावा है कि ये काढ़ा पीने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जो कोरोना संक्रमण को काफी हद तक दूर करता है। जिला आयुर्वेद विभाग के मुताबिक अभी तक जिलेभर के 57 क्वारंटाइन सेंटर में 777 लोगों को प्रतिदिन काढ़ा दिया जा रहा है। संजीवनी 108 के स्टाफ, स्वास्थ्य स्टाफ व कंटेंनमेंट जोन में ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को भी यह काढ़ा दिया जा रहा है। (Balod district)
कोरोना जंग में आयुर्वेदिक काढ़ा को CG के इस कलेक्टर ने बनाया हथियार, 57 क्वांटाइन सेंटर में रोज प्रवासी श्रमिक पी रहे काढ़ा
इस तरह बनाया जाता है काढ़ा
आयुर्वेद विभाग के मुताबिक यह काढ़ा पूरी तरह आयुर्वेदिक है। इसमें गिलोय, सोंठ, पिपली, मुलेठी व अश्वगंधा को बराबर मात्रा में रातभर भिगाकर सुबह इसका काढ़ा बनाया जाता है। आयुर्वेदिक औषधि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लाभ दायक है। इसे पीने से शरीर को बीमारियों से लडऩे में ताकत मिलती है।
20-20 मिली लीटर दिया जाता है काढ़ा
क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर व उनके बच्चों को कोरोना से लडऩे सुबह व शाम को 20-20 मिली लीटर काढ़ा दिया जा रहा है। मजदूरों के साथ स्वास्थ्य कर्मचारी व पुलिस स्टाफ भी इसका सेवन कर रहे हैं। जिला प्रशासन एवं जिला आयुर्वेद विभाग की इस कार्य की सराहना भी कर रहे है।
जिले के 57 क्वारंटाइन सेंटर में 139 महिला एवं 428 पुरुष मजदूर को पिलाया जा रहा है। इनमें 34 बालक, 30 बालिका व क्वारंटाइन सेंटर में कार्यरत 146 स्टाफ के साथ संजीवनी 108 व कन्टेनमेंट जोन में सेवा दे रहे पुलिस जवानों को भी यह काढ़ा पिलाया जा रहा है। यह काढ़ा जब तक ये लोग क्वारंटाइन में रहेंगे, तब तक पिलाया जाएगा। सोमवार को ही 1082 लोगों को यह काढ़ा पिलाया गया।
ये कहा आयुर्वेद अधिकारी ने
जिला आयुर्वेद अधिकारी बालोद ज्योति गजभिये ने कहा कि जिले के क्वारंटाइन सेंटर में रहने वालों को आयुर्वेद काढ़ा पिलाने की पहल कलेक्टर की है। उनके आदेश पर काढ़ा पिलाया जा रहा है। यह काढ़ा आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से मिलकर बना है, जिसे पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह कोरोना संक्रमण से लडऩे में कारगर साबित होगा। इस तरह का प्रयोग केरल व मध्यप्रदेश में किया जा चुका है। अब जिले में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। यह काढ़ा पिलाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जाता है।
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