आयुर्वेद विभाग के मुताबिक यह काढ़ा पूरी तरह आयुर्वेदिक है। इसमें गिलोय, सोंठ, पिपली, मुलेठी व अश्वगंधा को बराबर मात्रा में रातभर भिगाकर सुबह इसका काढ़ा बनाया जाता है। आयुर्वेदिक औषधि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लाभ दायक है। इसे पीने से शरीर को बीमारियों से लडऩे में ताकत मिलती है।
क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूर व उनके बच्चों को कोरोना से लडऩे सुबह व शाम को 20-20 मिली लीटर काढ़ा दिया जा रहा है। मजदूरों के साथ स्वास्थ्य कर्मचारी व पुलिस स्टाफ भी इसका सेवन कर रहे हैं। जिला प्रशासन एवं जिला आयुर्वेद विभाग की इस कार्य की सराहना भी कर रहे है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी बालोद ज्योति गजभिये ने कहा कि जिले के क्वारंटाइन सेंटर में रहने वालों को आयुर्वेद काढ़ा पिलाने की पहल कलेक्टर की है। उनके आदेश पर काढ़ा पिलाया जा रहा है। यह काढ़ा आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से मिलकर बना है, जिसे पीने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह कोरोना संक्रमण से लडऩे में कारगर साबित होगा। इस तरह का प्रयोग केरल व मध्यप्रदेश में किया जा चुका है। अब जिले में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है। यह काढ़ा पिलाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कराया जाता है।