ब्लॉक में आवारा मवेशियों के लिए ग्राम कोदवा, मोपका और ग्राम तरेंगा में एनिमल होल्डिंग सेंटर बनाया गया है। पशु चिकित्सा विभाग की इस योजना का स्वागत किया गया, लेकिन चारा पानी के लिए व्यवस्था को लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही। इसका भी हल निकाला गया।
एक निश्चित राशि देना तय किया गया, लेकिन पंचायत ने रुचि नहीं दिखाई। शुरू के कुछ दिन ठीक रहे लेकिन बाद में मॉनिटरिंग के अभाव में योजना दम तोडऩे लगी। परिणाम अब 10 मवेशियों की मौत के रूप में सामने आया है। इस एनिमल होल्डिंग सेंटर में 250 आवारा मवेशी पकड़ कर रखे गए थे। इनमें से 10 मवेशियों की मौत हो गई। जिनमें 8 गाय, एक बछड़ा और एक सांड शामिल है। संदेहास्पद परिस्थितियों में मवेशियों की मौत के बाद बाकी बचे मवेशियों को गांव वालों ने खुले में छोड़ दिया ताकि भूख से मौत का आंकड़ा बढऩे न पाए। वैसे भी बारिश का सीजन है इसलिए इस समय हरा चारा की कमी नहीं है।
भाटापारा के पशु चिकित्सा सेवाएं, बीएमओ, डॉ. एसएन अग्रवाल ने बताया गुरुवार की सुबह सरपंच से व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई थी। ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं मिली है फिर भी स्टाप को भेजा जा रहा है। जरुरत पड़ी तो मैं स्वयं मौके का मुआयना करने जाऊंगा।
सरपंच ग्राम कोदवा के मालिक राम साहू ने बताया एनिमल होल्डिंग सेंटर में पशुओं की मरने की जानकारी मुझे नहीं है।