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सन्न रह गए लोग जब पता चला 24 बच्चों को एक साथ आई उल्टी, स्कूल में मचा हड़कंप

locationबलोदा बाज़ारPublished: Dec 08, 2017 03:51:16 pm

बच्चे मध्यान्ह भोजन खाकर जैसे ही स्कूल के कमरे में घुसे। इस दौरान तीन से चार बच्चों को उल्टी शुरू हो गई।

govt school
देवभोग. जामगांव के शासकीय मिडिल स्कूल में गुरुवार की दोपहर करीब एक बजे के आसपास अचानक बच्चों को उल्टी की शिकायतें शुरू हो गई। बच्चे मध्यान्ह भोजन खाकर जैसे ही स्कूल के कमरे में घुसे। इस दौरान तीन से चार बच्चों को उल्टी शुरू हो गई। वहीं देखते ही देखते उल्टी की शिकायतें ज्यादा बच्चों को आने लगी। इसके बाद पूरे गांव के लोग स्कूल पहुंच गए।
बच्चों की हालत बिगड़ता देख स्कूल के शिक्षक ने तुरंत वाहन की व्यवस्था कर सीएससी देवभोग ले गए। इसके बाद आनन-फानन में अस्पताल के कर्मचारियों ने इलाज शुरू किया। अस्पताल में भी बच्चों के परिजन पहुंच गए। वहीं बच्चों का इलाज कर रहे बीएमओ डॉ. सुनील भारती ने बताया कि अस्पताल में करीब 24 बच्चों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चे फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए थे। सीएससी में बच्चों को इंजेक्शन के साथ ग्लूकोज बॉटल चढ़ा गया। बीएमओ ने बताया कि बच्चों की स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें देर शाम अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
शासन प्रशासन से जांच की मांग
घटना के बाद स्कूल पहुंचे गांव के तिलक नागेश के साथ अन्य ग्रामीणों ने जांच की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इतने दिनों तक बच्चे भोजन कर रहे थे। इस दौरान किसी तरह की कोई परेशानी या समस्या बच्चों को नहीं आई। वहीं अचानक पिछले दो दिनों से भोजन को लेकर बच्चों को परेशानी आ रही है। अस्पताल पहुंचे बच्चों ने बताया कि बुधवार से भोजन का स्वाद बिगडऩे लगा था। किसी तरह बुधवार को तो भोजन कर लिया। इसके बाद गुरुवार को भोजन करने के दौरान फिर भोजन को लेकर कुछ खट्टापन दिखा। अचानक उल्टी शुरू हो गई। बच्चों ने कहा स्कूल में भोजन करने से डर लगने लगा है।
ग्रामीणों ने लगाया मध्याह्न भोजन बनाने में लापरवाही का आरोप
मामले में बच्चों को मध्यान्ह भोजन खाने के दौरान उल्टी की शिकायत होने के बाद ग्रामीण जमकर स्कूल प्रबंधन के साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने वाले समूह पर भड़क उठे। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों ने जब बुधवार को ही शिक्षक को भोजन में कुछ खराबी होने की बात कही थी। इसके बाद भी उन्होंने एक दिन बीतने के बाद भी मामले में कोई रूचि नहीं दिखाई। इसी का नतीजा है कि बच्चों के साथ इतनी बड़ी घटना घटित हो गई। ग्रामीणों ने जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली के उपर सवाल खड़ा किया है।
बिना जांच किए दिया जाता है भोजन
ग्रामीणों ने शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि बच्चों को लापरवाही पूर्वक भोजन दियाजाता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भोजन देने से पहले उसके गुणवत्ता की जांच नही की गई। जिसके कारण आज बच्चों के साथ इतनी बड़ी घटना घटी।
मुझे जैसे ही बताया गया कि यहां बच्चों को उल्टी शुरू हो गई है। मध्यान्ह भोजन करने के बाद मैं तुरंत मौके पर पहुंचा और बच्चों को अस्पताल भेजा। वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंचकर सभी से जानकारी ली गई है।
लतीफ खान, संकुल समंवयक
बच्चों ने मुझे बुधवार को बताया था कि खाने में तेल ज्यादा है। ऐसी स्थिति में मैंने तुरंत तेल बच्चों के अनुसार डालने की बात भोजन बनाने वाले से कही। वहीं मैंने खाना भी चखकर
देखा था।
राधेश्याम यदु, प्रधानपाठक, शासकीय उच्च प्राथमिक शाला जामगांव
मामले में लापरवाही बरतने के लिए विकास स्वसहायता समूह को निलंबित कर दिया गया है। वहीं गांव के बस्तरियन स्वसहायता समूह को आदेश किया गया है कि आगामी दिनों से मध्यान्ह भोजन का संचालन वहीं करेंगे।
प्रदीप शर्मा, बीईओ, देवभोग
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