scriptइलाज के दौरान 3 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों में डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप | 3-year-old girl dies due to doctor's negligence | Patrika News

इलाज के दौरान 3 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों में डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

locationबलोदा बाज़ारPublished: Mar 30, 2020 03:12:28 pm

Submitted by:

Bhawna Chaudhary

डॉक्टर की लापरवाही से 3 वर्षीय बच्ची की भोजन करते समय भोजन आहार नली में अटक जाने और समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाने से मौत हो गई।

इलाज के दौरान 3 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों में डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

इलाज के दौरान 3 साल की बच्ची की हुई मौत, परिजनों में डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

कसडोल. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरपाली में पदस्थ डॉक्टर बी पी बघेल की लापरवाही से 3 वर्षीय बच्ची की भोजन करते समय भोजन आहार नली में अटक जाने और समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाने से मौत हो गई। पुलिस एवं तहसीलदार की सलाह पर परिजनों ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंत्योष्टि की।

केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोरोनावायरस से निपटने के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। डॉक्टर एवं अस्पताल स्टाफ को 24 घंटे किसी भी हालत से निपटने तैयार रहने के निर्देश दिए जा चुके हैं तथा सभी प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला शासन के निर्देशानुसार अपने ड्यूटी पर मुस्तैद नजर आ रहे हैं। यदि शासन प्रशासन के आदेश निर्देश का किसी पर कोई असर पड़ा तो वह है बरपाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ बी पी बघेल को अपनी मर्जी से आते हैं चले जाते हैं।

ग्राम अमलीडीह निवासी नोहरसाय साहू की 3 वर्षीय बच्ची काव्या भोजन करते समय अटक गई। जिसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर जिम्मेदार डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने से सहायक चिकित्सा अधिकारी डॉ केशव पैकरा ने बच्ची की गंभीरता को देखते हुए उसे कसडोल अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन बच्चे की हालत बिगड़ते देख उसे निकट शिवरीनारायण स्थित निजी क्लीनिक ले गए यहां पर डॉ. बघेल ने मृत घोषित कर दिया।

इस संबंध में डॉक्टर बघेल से चर्चा करने पर बताया कि मैं जनवरी से अप्रैल तक अर्जित अवकाश में था। आपात स्थिति को देखते हुए बीएमओ के निर्देश पर 27 मार्च को ही मैंने जॉइनिंग की थी. मैं थोड़ी देर पहले लंच के लिए निकला था। उसी दौरान लड़की को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां पर एएमओ द्वारा जांच कर हालत की गंभीरता को देखते हुए कसडोल रेफर किया ,लेकिन परिजनों ने बच्ची को शिवरीनारायण मेरे अस्पताल ले आए मेरे द्वारा जांच करने तक बच्चे की मौत हुई थी। चूंकि मैं स्वास्थ्य केंद्र का वरिष्ठ डॉक्टर हूं मेरे अधीनस्थ एक सहायक के जैसा अधिकारी एवं आयुष चिकित्सक भी है मैं प्रायः बैठक में रहता हूं। इसलिए अस्पताल में कम बेथ पाता हूं। मैं यह नहीं कहता कि मेरा निजी क्लीनिक नहीं है मुझे अपना क्लीनिक भी देखना पड़ता है।

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