कम बच्चों की वजह से शिक्षक भी नए भवन में स्कूल लगाना नहीं चाहते, किंतु संख्या कम होने की वजह से पूर्व माध्यमिक शाला में ही हाईस्कूल संचालित हो रहा है। यहां कक्षा नवमीं व दसवीं में कुल 18 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है, क्योंकि गांव विकासखंड के अंतिम गांव है, इसलिए आसपास के बच्चे महासमुंद व अन्य जिलों के स्कूलों में चल देते हैं, जहां ज्यादा सुविधाएं मिलती है।
दो कक्षाओं के लिए तीन शिक्षक की व्यवस्था है, बाकी पद रिक्त है। यहां पर माध्यमिक शाला की 3 कमरों में 5 कक्षाएं संचालित होती है जिसमें कुछ कमरों में 2-2 कक्षाएं लगती है। अभी से अंदाज लगा सकते हैं कि दूरस्थ अंचलों में पढ़ाई की क्या स्थिति होगी।
साथ ही साथ अदूरदर्शिता पूर्ण निर्णय की वजह से लाखों का भवन आज बेकार साबित हो रहा है। अगर नए भवन में स्कूल का संचालन होता है तो माध्यमिक शाला के शिक्षक जो हाईस्कूल संचालन में सहयोग करते हैं वे सहयोग नहीं कर पाएगे और हाईस्कूल के लिए पर्याप्त मात्रा में शिक्षक की व्यवस्था नहीं है। इन परिस्थितियों में हाईस्कूल व माध्यमिक शाला का एक साथ संचालन किया जा रहा है। सरपंच चेतन ठाकुर ने बताया कि हाईस्कूल में बच्चों की संख्या कम है, इसलिए माध्यमिक शाला में संचालन किया जा रहा है। नए स्कूल भवन में ताला लगा हुआ है।
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