ग्रामीण इस बात को लेकर ज्यादा आक्रोशित थे कि जब यहां पावर प्लांट संचालित हो रहा है, तो प्लांट का नाम अनिमेश इस्पात संयंत्र उल्लेखित किया गया है जो कि आपत्तिजनक है। वहीं, ग्रामीणों के आक्रोश के पश्चात अनिमेष इस्पात संयंत्र के प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को लिखित में आश्वासन दिया गया कि वास्तव में यहां पावर प्लांट ही संचालित हो रहा है, चूंकि संयंत्र परिचालन हेतु लायसेंस अनिमेश इस्पात संयंत्र के नाम से दिया गया है, अत: यही नाम उल्लेख किया
गया है।
भविष्य में कभी भी ग्रामीणों की सहमति के बिना ग्राम खजुरी में इस्पात संयंत्र प्रारंभ नहीं किये जाने, ग्राम पंचायत खजुरी व आसपास के गांव में भविष्य में प्रदूषण होने पर इसकी जवाबदारी प्रबंधन के होने, संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों से फर्जी हस्ताक्षर नहीं कराने तथा बगैर पंचायत की अनुमति के अन्य कोई कार्य नहीं कराये जाने का आश्वासन दिया गया।
गौरतलब है दिसम्बर माह में बगैर किसी सूचना के पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा उक्त इस्पात संयंत्र के जनसुनवाई का आयोजन किया गया था, जिसका भरपूर विरोध ग्रामीणों द्वारा करने के बाद संरक्षण मंडल के अधिकारियों द्वारा बीच में ही जनसुनवाई स्थगित करने की घोषणा की गई थी, परंतु बाद में संयंत्र को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जिसके चलते ग्रामीणों में संयंत्र प्रबंधन, स्थानीय प्रशासन व संरक्षण मंडल के प्रति रोष व्याप्त है। सोमवार को संयंत्र के मुख्य द्वार के समक्ष प्रदर्शन करने वालों में ग्राम खजुरी, ढाबाडीह, बोईरडीह, लच्छनपुर, केसला, मोहतरा, पारागांव के ग्रामीण शामिल है।