रकार जरूर 2100 करोड़ रुपए का बोनस बाटने के लिए बोनल तिहार बना रही हो लेकिन प्रदेश में अन्नदाताओं की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है।
बलौदाबाजार. सरकार जरूर 2100 करोड़ रुपए का बोनस बाटने के लिए बोनल तिहार बना रही हो लेकिन प्रदेश में अन्नदाताओं की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। आलम यह है कि लगभर हर दो तीन दिन बाद एक अन्नदाता मौत को गले लगा रहा है। गुरूवार को खरोरा के बेलटुकरी गांव निवासी किशन धीवर की आत्महत्या की जख्म अभी भरा भी नहीं था कि आज फिर रायपुर लोकसभा के अंतर्गत बलौदाबाजर विधान सभा के थाना तिल्दा अंतर्गत ग्राम सरारीडीह से एक और किसान श्री ढाल सिंग वर्मा ने कर्ज के बोझ से परेशान होकर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।गांव के उपसरपंच व आम आदमी पार्टी महिला विंग अध्यक्ष श्रीमती विमला टण्डन ने इसकी जानकारी दी।
यह भी बताया है जा रहा है कि किसान के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है।किसान की मौत के बाद यह कहा जा रहा है कि फसल चौपट होने के बाद कर्ज से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है। हालांकि अभी सुसाइड नोट में मौत की क्या वजह लिखी है इसका खुलासा नहीं हुआ है लेकिन एक और अन्नदाता की मौत के बाद ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर सरकार किसानों के जख्म पर मरहम क्यों नहीं लगा पा रही है।
एक दिन पहले ही एक और किसान कर चुका है खुदकुशी कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले खरोरा के बेलटुकरी गांव निवासी किशन धीवर के बारे में नए तथ्य आए हैं।गुरुवार को उसके घर पहुंचे आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक डॉ. संकेत ठाकुर और प्रतिनिधिमंडल को किसान के परिजनों ने बताया कि कर्ज का बोझ उतारने के लिए किशन आखिर तक लड़ता रहा। लेकिन धान की फसल बर्बाद होने के बाद उसकी हिम्मत जवाब दे गई।
किशन के पिता ने आप नेताओं को बताया उसने तीन से चार लाख का कर्ज लिया था। खेती में घाटे की वजह से कर्ज बढ़ता गया। इससे निजात पाने के लिए गांव में ही एक साइकिल सुधारने की दुकान खोली, दुर्भाग्य से दुकान नहीं चल सकी। इसके बाद गांव के तालाब को एक लाख रुपए में लेकर मछली डाला लेकिन 20 हजार रुपए से भी कम की मछलियां बेच पाए। कर्ज बढ़ता चला गया और हार कर उन्होंने पिछले साल आधा एकड़ जमीन बेच दी। इस साल रेघा पर रोपा धान भी बर्बाद हो गया। किसान के पिता ने बताया कि आत्महत्या करने के कुछ दिन पूर्व कर्ज का तकादा करने वाले भी आए थे।