बलोदा बाज़ार

करोड़ों की लागत से बनी सड़क कुछ ही महीनों में धंसने लगी, लगातार हो रहे हादसों के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

सडक़ के निर्माण के कुछ माह के भीतर ही धंस जाने से प्रतिदिन कई दो पहिया सवार इस सडक़ पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं

बलोदा बाज़ारSep 06, 2018 / 05:24 pm

Deepak Sahu

करोड़ों की लागत से बनी सड़क कुछ ही महीनों में धंसने लगी, लगातार हो रहे हादसों के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

बलौदाबाजार. एडीबी के तहत नांदघाट से बलौदाबाजार प्रोजेक्ट के तहत 122 करोड़ रुपयों की लागत से कुछ माह पूर्व ही निर्माण की गई मुख्य मार्ग निर्माण के तीन-चार माह के दौरान ही दर्जनों स्थानों पर धंस गयी है। नवनिर्मित सडक़ के निर्माण के चंद दिनों के अंदर ही धंस जाने के बाद जिलेवासियों की शिकायत पर विभागीय अधिकारियों ने सडक़ को उखाडक़र नवीन बनाए जाने के दावे भी किए थे, परंतु आज तक सडक़ की रिपेयरिंग तक नहीं की गयी है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रवास के दौरान सडक़ का लोकार्पण भी कराया जा रहा है, जिससे जिलेवासी हतप्रभ हैं।

सडक़ के निर्माण के कुछ माह के भीतर ही धंस जाने से प्रतिदिन कई दो पहिया सवार इस सडक़ पर गिरकर चोटिल हो रहे हैं, बावजूद इसके मरम्मत न कराकर उसका मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पण कराना जिलेवासियों को भी समझ नहीं आ रहा है। विदित हो कि एडीबी द्वारा बीते एक वर्ष से नांदघाट से बलौदा बाजार प्रोजेक्ट के तहत नांदघाट से लेकर वाया भाटापारा-बलौदा बाजार तक मुख्य मार्ग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लगभग 44-45 किमी लंबे इस सडक़ की कुल लागत 122 करोड़ रुपए है। उक्त सडक़ निर्माण का कार्य एक प्राइवेट लिमिटेड के ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है।

एडीबी के नियमानुसार सडक़ निर्माण के साथ ही साथ रास्ते में आने वाले ग्राम पंचायत, नगर पंचायत तथा नगर पालिका क्षेत्र में सडक़ के दोनों ओर आरसीसी नाली का निर्माण भी किया जाना है। सडक़ निर्माण के दौरान जिन इलाकों में लोगों की कार्यों पर नजर रहती है उन इलाकों में तो संबंधित ठेकेदार द्वारा दुरूस्त कार्य किया गया है, परंतु आउटर के इलाकों में बेहद कामचलाऊ तरीके से कार्य किया गया है, जिसकी वजह से 122 करोड़ रुपयों की सडक़ नांदघाट से बलौदाबाजार के बीच कई स्थानों पर धंसने लगी है।

सडक़ निर्माण के दौरान संबंधित ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किए जाने, नियमानुसार सही तरीके से रोलिंग तथा क्यूरिंग यानि पानी तराई नहीं किए जाने को लेकर सडक़ निर्माण के दौरान ही विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की थी, जिसकी ओर विभागीय अधिकारियों द्वारा जानबूझकर ध्यान नहीं दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप घटिया निर्माण की पोल साल भर के भीतर ही खुलने लगी है।

 

बलौदा बाजार के एडीबी कार्यपालन अभियंता पीके गुप्ता ने कहा कि सडक़ के कई स्थानों पर धंसने की शिकायत मिली है जिसे ठेकेदार को जल्द से जल्द उखाडक़र नवीन निर्माण किए जाने हेतु निर्देशित किया गया है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.