तरबूज खाया और फिर..
भालू नदी में तरबूज खेत में जाकर फसल को बर्बाद कर दिया। यहां पेट भर तरबूज खाने के बाद रेत उत्खनन के मशीनों की जब आवाज सुनने के बाद वह जंगल की ओर न जाकर पलारी क्षेत्र की ओर दौड़ गया। यहां मलपुरी गांव से गिधपुरी गांव होते हुए ग्राम तेलासी के सुरेश के घर में घुस गया। युवक ने जब उसे अपने नजदीक देखा तो होश उड़ गए। इसके बाद उसने थोड़ी हिम्मत दिखाते हुए अपने पूरी परिवार को सुरक्षित बाहर निकला। भालू जैसे-तैसे वहां से निकलकर लखनलाल वर्मा के बाड़ी में घुस गया। यहां आराम फरमाने दौरान जब बच्चों ने देखा तो भालू ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
चढ़ गया पेड़ पर
इससे भालू ग्राम सुंद्रावन की ओर भागते हुए अर्जुन की पेड़ पर पढ़ गया। ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी। तब कहीं जाकर वन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से आसपास सभी ग्रामीणों को वहां से हटाया। इसके बाद टीम ने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दी।
चलाया रेसक्यू ऑपरेशन
सूचना के बाद मौके पर वन विभाग के एसडीओ, परिक्षेत्र अधिकारी राकेश चौबे, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी रतन डडसेना तत्काल पहुंचे। नन्दन वन से जाल, पिंजरा, और ट्रेंकुलाइजर गन लेकर टीम को बुलाया गया। रेसक्यू ऑपरेशन कर कड़ी मशक्कत के बाद भालू को ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश किया गया। फिर वन विभाग कर्मचारियों ने पेड़ पर चढ़कर भालू को नीचे फैलाए जाल में धकेल कर गिराया। जहां वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे पकड़कर पिंजरे में कैद किया। इससे बाद उसे बारनवापारा के कोठारी जंगल मे छोड़ दिया गया।
महानदी में अवैध रेत उत्खनन के डर से भटका भालू गांव पहुंचा गया था। मैदानी इलाका क्षेत्र में महानदी के दूसरे छोर पर बारनवापारा का जंगल है। यहां से हर समय जंगली जानवर गर्मी के दिनों में पानी की तलाश में भटकर आ जाते हैं। कई बार जंगली जानवर सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं। भालू भी मलपुरी, बम्हनी, बोदा, मोहान, बीजराडीह घाट के नदी के पास चल रहे मशीनों और वाहनों से डर कर भटकते हुए गांव में घुस गया है। हालांकि इस घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई।