आरोपी साहेब लाल बघेल घटना के पश्चात से ही गांव से फरार हो गया था और लगातार जम्मू के विभिन्न स्थानों पर पहचान छुपाते रोजी-मजदूरी करते छिपा हुआ था। विदित हो कि आरोपी अजित कुर्रे की गिरफ़्तारी के साथ ही यह बात स्पष्ट हो गई की प्रकरण में अर्जित कुर्रे अपने जीजा साहेब लाल बघेल के साथ मिलकर 6 नवंबर 2015 को मृतिका मालती बंजारे को उसके द्वारा लिए जाने ब्लैक मेलिंग से तंग आकर पैसे देने के बहाने से ग्राम जुनवानी के आंगनबाड़ी केंद्र के पास बहाने से बुलाया और उसके सिर पर वार करते हुए उसके बेहोश होते ही मालती बंजारे की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
आरोपी साहेब लाल बघेल का कोई निश्चित ठिकाना पता नहीं चल पाना आरोपी की गिरफ़्तारी में सबसे बड़ा रोड़ा था। जिसकी तलाश हेतु पुलिस अधीक्षक नीतू कमल के मार्ग निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निवेदिता पाल अनुविभागीय पुलिस अधिकारी बिलाईगढ़ संजय तिवारी के नेतृत्व में थाना प्रभारी गिधौरी उप निरीक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी थाना प्रभारी सुहेला उपनिरीक्षक रोशन सिंह राजपूज एवं आरक्षक नरेश कहते की टीम गठित कर तत्काल अन्य आरोपी सहेल लाल बघेल के ठिकाने जम्मू के लिए रवाना किया गया।
ज्ञात हो की धारा 370 के हटने से पश्चात से ही जम्मू में मोबाइल नेटवर्क की विषम समस्या थी। इंटरनेट अनुउपलब्ध था तथा कॉल में कनेक्टिविटी भी विषम थी। ऐसी विषम परिस्तिथियों में भी सघन पता तलाश करते हुए प्रकरण में संलिप्त आरोपी साहेब लाल बघेल को अर्जित कुर्रे की गिरफ़्तारी के तीन दिन भीतर ही जम्मू से पूछताछ हेतु हिरासत में लेकर थाना भटगांव लाया गया। आरोपी को न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।